नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (National Academy of Sciences) ने अपने एक स्टडी में पाया है कि मकई-आधारित इथेनॉल पेट्रोल की तुलना में ग्लोबल वार्मिंग में बहुत बड़ा स्त्रोत हो सकता है, क्योंकि मकई उगाने के लिए भूमि के इस्तेमाल में बदलाव किया जाता है, इसमें उर्वरकों का उपयोग करने से स्थिति गंभीर हो सकती है।