सेकंड हैंड कार खरीदते समय न करें 5 गलतियां, वरना बाद में पड़ सकता है पछताना
ऑटो डेस्क : सेकेंड हैंड कार की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इसमें जहां कार की जरूरत पूरी होती है तो खर्चा भी बचता है। कोरोना के बाद यूज्ड कारों (Second-Hand Car) की मांग बढ़ी है। अगर आप भी सेकेंड हैंड कार लेने की सोच रहे हैं तो 5 बातों का ख्याल रखें...
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1. अपना बजट तय करें
सेकेंड हैंड कार खरीदते समय सबसे पहले अपना बजट तय करें। इस बजट से ज्यादा की कार न खरीदें। भले ही बेहतर डील ही क्यों न मिले लेकिन उसे लेने की गलती न करें। कार के बिल और मेंटेनेंस को देखकर ही उसकी कीमत का अंदाजा लगाएं और आगे बढ़ें।
2. कार की पूरी जानकारी लें
सेकंड हैंड कार खरीदते समय उसके मॉडल की पूरी जानकारी जुटा लें। इसके लिए ऑनलाइन टूल्स की मदद ले सकते हैं। कार बेचने वाले के पास जाकर उसकी कंडीशन भी देख सकते हैं। उस कार के फीचर्स की भी जानकारी पहले ही ले लें। रिसर्च करने के बाद ही कार को खरीदें।
3. कार सेलर के बारें में पता करें
सेकेंड हैंड कार लेते समय सिर्फ कार ही नहीं उसे बेचने वाले के बारें में भी जानना चाहिए। कुछ लोग यूज्ड कार के साथ में वारंटी और पूरा पेपर वर्क भी कराते हैं लेकिन इस तरह के डील में कीमत ज्यादा होने का चांस भी रहता है। जबकि कुछ डीलर कम दाम में ही कार बेचने को तैयार हो जाते हैं, हालांकि, उनमें कार की वारंटी-पेपर वर्क की उम्मीद कम रहती है। ऐसे में जांच-परख के बाद ही डील के लिए आगे बढ़ें।4. कार की पूरी हिस्ट्री चेक करें
4. कार की पूरी हिस्ट्री चेक करें
जब भी यूज्ड कार खरीदने जाएं तो उसकी पूरी डिटेल्स चेक करें। कार की पूरी हिस्ट्री चेक करें। पता करें कि कहीं उसका एक्सीडेंट तो नहीं हुआ है, उसका मेंटेनेंस रिकॉर्ड कैसा है। इससे आप किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बच सकते हैं।
5. यूज्ड कार का पेपरवर्क
जब भी सेकंड हैंड कार खरीदने जाए तो सही पेपर वर्क पर ही डील करें। कई बार पेपर वर्क सही न होने पर सस्ती डील देखकर हम आगे बढ़ जाते हैं, ऐसा करने से बाद में पछताना पड़ सकता है। इसलिए अपनी सहूलियत के हिसाब से ही डील करें। अगर डील पसंद नहीं आ रही तो तुरंत उससे पीछे हट जाने में ही भलाई है।
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