सार

नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इथेनॉल (ethanol ) से हर तरह के वाहन चलाए जा सकते हैं। ऑटो रिक्शा से लेकर हाईटेक और लग्जरी कारों को भी इथेनॉल से चलाया जा सकेगा। इससे पेट्रोल की खपत कम होगी, ये ईंधन सस्ता होगा, वहीं इससे किसानों को भी फायदा होगा। 

ऑटो डेस्क, All vehicles will soon be able to run on ethanol, says Nitin Gadkari : देश में जल्द ही सभी व्हीकल इथेनॉल (ethanol ) से चल सकेंगे। रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि इसके लिए जल्द ही इथेनॉल पंप स्थापित किए जाएंगे। गडकरी ने कहा कि पेट्रोल की बजाए बायो-इथेनॉल बहुत सस्ता है। पेट्रोल से वायु प्रदूषण भी अधिक होता है, इथेनॉल के उपयोग से शहरों के  प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सकेगा। इसके उपयोग  से बचत भी होगी । 

हर तरह के वाहन चलाए जा सकेंगे
नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि इथेनॉल से हर तरह के वाहन चलाए जा सकते हैं। ऑटो रिक्शा से लेकर हाईटेक और लग्जरी कारों को भी एथेनॉल से चलाया जा सकेगा। केंद्रीय मंत्री ने इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने की जरुरत बताई है। उन्होंने कहा कि किसानों का लाभ बढ़ाने के साथ-साथ ईंधन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पारंपरिक फसलों के बजाय अब एथेनॉल उत्पादन की तरफ झुकाव बढ़ना चाहिए ।

सौ फीसदी इथेनॉल से चलेंगे वाहन
इससे पहले 23 दिसंबर को मेरठ में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin gadgari) ने कहा था कि दो पहिया एवं चार पहिया वाहन जल्द ही सौ फीसदी इथेनॉल पर चलेंगे जिससे किसानों की आय बढ़ेगी, प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल पर निर्भरता भी कम होगी। गडकरी ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह (chaudhary charan singh) को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा, 'चौधरी चरण सिंह जी ने किसानों- मजदूरों का जीवन स्तर उठाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। 

किसान अन्नदाता नही ऊर्ज़ादाता होगा
गडकरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया कि किसान अन्नदाता नही ऊर्ज़ादाता होगा। अब दोपहिया व चार पहिया वाहन शत-प्रतिशत पेट्रोल के साथ शत-प्रतिशत इथेनॉल से चलेंगे जो किसान का तैयार किया हुआ है। इससे किसानों की आय बढ़ेगी, प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी। गडकरी ने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपनी सहमति स्वरूप हस्ताक्षर भी कर दिए हैं और दो-तीन दिन में इसको लेकर परामर्श जारी हो जाएगा। जनपद के सुभारती विश्वविद्यालय के जनरल मोहन सिंह खेल परिसर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गडकरी ने बटन दबाकर 8364 करोड़ रुपये की लागत वाले 139 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था।
प्रदूषण पर होगा नियंत्रण
देश में प्रदूषण को नियंत्रण करने के साथ ही पेट्रोल पर निर्भरता कम करने के लिए कई सारे उपाय किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार हर हाल में पेट्रोलियम पदार्थों का आयात कम करने की योजना पर काम कर रही है। इस संबंध में एक बड़ा फैसला भी लिया  गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (Union Minister of Road Transport and Highways) नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा है कि  सरकार ने वाहन निर्माताओं को वाहनों में ‘फ्लेक्स फ्यूल इंजन’वाले इंजन लगाने के लिए एक एडवायजरी जारी की है।

सरकार ने दिया 6 महीने का समय
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि सरकार ग्रीन और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए लगातार काम कर रही है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी कहा कि , मैंने फ्लेक्स-फ्यूल इंजन (कार निर्माताओं को फ्लेक्स-फ्यूल इंजन बनाने की सलाह देने के लिए) पर एक फाइल पर हस्ताक्षर किए। हमने कंपनियों 6 महीने का समय दिया है। 

बड़ी कंपनियों ने दिया आश्वासन
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि टोयोटा मोटर कॉर्पोरेशन, सुजुकी और हुंडई मोटर इंडिया (Toyota Motor Corporation, Suzuki and Hyundai Motor India) के वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें आश्वत किया है कि वे अपने वाहनों को फ्लेक्स इंजन के साथ पेश करेंगे। गडकरी ने यह भी कहा कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। 

फ्लेक्स इंजन में लगा होता है फ्यूल मिक्स सेंसर
Flex-Fuel Engine एक तरह के फ्यूल मिक्स सेंसर यानी फ्यूल ब्लेंडर सेंसर का उपयोग करता है। यह मिश्रण में फ्यूल की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट करता रहता है। इंजन स्टार्ट होते ही इसका सेंसर एथेनॉल, मेथनॉल और गैसोलीन का अनुपात, या फ्यूल की अल्कोहल कंसंट्रेशन को नोट करता है। इसके बाद यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल मॉड्यूल को मैसेज भेजता है और ये कंट्रोल मॉड्यूल तब अलग-अलग फ्यूल की डिलीवरी को कंट्रोल करता है। 

ईंधन में बढ़ेगा इथेनॉल का उपयोग
फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां बाय-फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों से डिफरेंट होती हैं। bio-fuel engine में अलग-अलग टैंक होते हैं, जबकि फ्लेक्स फ्यूल इंजन में एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल भरा जा सकता है। इस तरह के इंजनों को खास तरह से डिजाइन किया जाता है। गाड़ियों में ये इंजन आ जाने के बाद पेट्रोल में इथेनॉल की मात्रा बढ़ाई जा सकेगी, इथेनॉल  की कीमत 60-62 रुपये प्रति लीटर होती है, इससे फ्यूल भी सस्ता होगा, वहीं देश ईंधन को लेकर आत्मनिर्भर बनेगा। फिलहाल कार मालिकों पर इसका कोई असर नहीं होगा। आदेश जारी होने के बाद इसमें समय सीमा निर्धारित की जा सकती है। इसके पश्चात के वाहनों में ये इंजन अनिवार्य किया जा सकता है।