सार

हिंदुस्तान जिंक  दुनिया की बड़ी जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी है, इसने हाल ही में अपने बेड़े में कई इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया है। इसमें टाटा नेक्सॉन ईवी, इलेक्ट्रिक स्कूटर और खदानों के लिए underground service EV शामिल हैं।
 

ऑटो डेस्क। हिंदुस्तान जिंक (Hindustan Zinc) खनन खनिजों (mining minerals) के साथ-साथ अपने कर्मचारियों के transport के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करेगा। कंपनी ने में भारत में ईवी क्रांति की दौड़ में अपना नाम शामिल कर लिया है। हिंदुस्तान जिंक  दुनिया की बड़ी जस्ता-सीसा-चांदी उत्पादक कंपनी है, इसने हाल ही में अपने बेड़े में कई इलेक्ट्रिक वाहनों को शामिल किया है। इसमें टाटा नेक्सॉन ईवी, इलेक्ट्रिक स्कूटर और खदानों के लिए underground service EV शामिल हैं।
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हर जगह इस्तेमाल करेगी ईवी
हिंदुस्तान जिंक के सीईओ अरुण मिश्रा (Arun Misra, CEO at Hindustan Zinc) ने कहा, “हमारी डीकार्बोनाइजेशन (decarbonization) यात्रा न केवल अंडरग्राउंड बल्कि फ्रंटलाइन वाहनों को इलेक्ट्रिक ऑप्शन के साथ बदल रही है, बल्कि हमारे स्थानों पर सर्विस वाहनों, एलएमवी और यात्री वाहनों में भी बदलाव कर रही है। हमारा लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में सभी मशीनों को बदलने के लिए केवल बैटरी से चलने वाले वाहनों के साथ ही शून्य उत्सर्जन और कार्बन मुक्त खनन के हमारे दृष्टिकोण को साकार किया जाए।"

 

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सबसे पसंदीदा कार
Tata Nexon EV इस समय भारत की सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक कार है। टाटा मोटर्स ने हाल ही में खुलासा किया कि उसने दो साल पहले लॉन्च होने के बाद से भारत में नेक्सॉन ईवी की 13,500 यूनिट्स बेची हैं। Nexon EV 30.2 kWh बैटरी पैक से लैस है और बिना रिचार्ज के 312 किलोमीटर की रेंज देता है। एक यात्री वाहन होने के अलावा, Nexon EV का इस्तेमाल विभिन्न सरकारी संस्थानों और यहां तक ​​कि कॉर्पोरेट सेटअप में भी बेड़े में किया जाता है।


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कार्बनफुटप्रिंट को कम करने की कवायद
हिंदुस्तान जिंक ने पिछले साल राजस्थान में अपनी अंडरग्राउड खदानों में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों को पेश करने के लिए नॉर्मेट ग्रुप ओए और एपिरॉक रॉक ड्रिल्स एबी के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। स्वच्छ और हरित गतिशीलता सॉल्यूशन की ओर बढ़ते हुए, कंपनी ने अपने कार्बनफुटप्रिंट को कम करने के लिए खुद को  ‘zero harm, zero waste, zero discharge’ का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। कंपनी के सस्टेनेबिलिटी गोल्स 2025 में अगले पांच वर्षों में ग्रीन होने के लिए लगभग 1 बिलियन डॉलर का इंवेस्ट करने की योजना है।
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