सार
Stellantis ऑटोमेकर ने 75 fully-electric vehicles विकसित करने और 2030 तक सालाना पांच मिलियन ईवी बेचने की अपनी योजना का खुलासा किया है। वहीं कंपनी वैन और हैवी ट्रकों के लिए हाइड्रोजन ईंधन वेरिएंट पर फोकस करेगा।
ऑटो डेस्क। Stellantis 2030 तक अपने रेवेन्यू में 300 बिलियन यूरो (335 बिलियन डॉलर) की दोगुनी बढ़ोतरी का प्लान तैयार कर रही है। कार कंपनी अपने प्रॉफिट मार्जिन को हाईलेवल रखने का टारगेट सेट कर रही है, यह जीप एसयूवी और रैम पिकअप ट्रकों के इलेक्ट्रिक वेरिएंट पेश करने की तैयारी कर रहा है। ऑटोमेकर ने 75 fully-electric vehicles विकसित करने और 2030 तक सालाना पांच मिलियन ईवी बेचने की अपनी योजना का खुलासा किया है।
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यूरोप-अमेरिका के लिए सेट किया टारगेट
फिएट क्रिसलर (Fiat Chrysler) और प्यूज़ो निर्माता पीएसए (Peugeot maker PSA) के मर्चर के साथ पिछले साल स्थापित, स्टेलंटिस ने बताया है कि यह ईवी को यूरोप में अपनी बिक्री का शत प्रतिशत और 2030 तक संयुक्त राज्य अमेरिका में लगभग 50 प्रतिशत ले जाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। वहीं कंपनी वैन और हैवी ट्रकों के लिए हाइड्रोजन ईंधन वेरिएंट पर फोकस करेगा। ऑटोमेकर ईवीएस के लिए सॉफ्टवेयर में भी इंवेस्ट करेगा और ऑटोनॉमस ड्राइविंग वाहन बनाने के लिए अल्फाबेट के वायमो (Alphabet's Waymo) के साथ अपने साझेदारी को आगे बढ़ायेगा।
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मोबिलिटी टेक कंपनी पर करेगी फोकस
स्टेलंटिस के मुख्य कार्यकारी कार्लोस तवारेस ने कहा कि एक legacy automaker के रूप में कंपनी बड़े पैमाने पर बेहतर प्रोडक्ट को डिजाइन और प्रोडक्शन करने में पूरी तरह कैपेबल है। उन्होंने कहा, "दूसरों को अभी भी इसे साबित करना है।" तवारेस ने कंपनी की मोबिलिटी टेक कंपनी बनने की क्षमता पर भी जोर दिया और यह बताया कि यह जल्द ही कैसे बनने जा रही है। स्टेलंटिस का टारगेट अपने नए data business से रेवेन्यू हासिल करना है, जो एक तेजी से बदलती व्यवस्था है । वाहन निर्माताओं के लिए स्थानीय रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह दशक के अंत तक 70 प्रतिशत तक के सकल मार्जिन के साथ 9 अरब यूरो तक पहुंच सकता है।
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रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी प्रमुख ऑटो कंपनियों की तरह, स्टेलंटिस को भी टेस्ला और कई अन्य इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्टअप के साथ प्रतिस्पर्धा करते हुए, सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक विकसित करने के साथ-साथ conventional combustion engines से पूरी तरह से इलेक्ट्रिक मॉडल में अपनी प्रोडक्ट सीरीज को बदलने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
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