सार
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए नीति आयोग जल्द ही कैबिनेट के सामने रख सकता है प्रस्ताव। केंद्र से इसकी मंजूरी मिली तो अगले साल 900 करोड़ का इंसेंटिव दे सकता है नीति आयोग। देश में एडवांस्ड बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वालों को सरकार की तरफ से करीब 33 हजार करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा।
ऑटो डेस्क. भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठा सकती है। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में एडवांस्ड बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने वालों को सरकार की तरफ से करीब 33 हजार करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया जाएगा। केंद्र के नीति आयोग ने इसपर एक प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम करने के लिए केंद्र सरकार यह फैसला लेने जा रही है।
केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने बैटरी निर्माता कंपनियों को 33 हजार इंसेंटिव देने के संबंध में एक प्रस्ताव भी तैयार किया है। इसके मुताबिक, यदि इलेक्ट्रिक वाहनों का बड़े स्तर पर उपयोग किया जाता है तो इससे साल 2030 तक भारत के ऑयल इंपोर्ट बिल में करीब 2.94 लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी जो एक रिकॉर्ड होगा।
कैबिनेट के सामने आयोग जल्द रख सकता है प्रस्ताव
नीति आयोग के एक अधिकारी के मुताबिक,आयोग की ओर से तैयार किए गए प्रस्ताव को जल्द ही कैबिनेट के सामने रखा जा सकता है। फिलहाल सरकार ने अब तक इस प्रस्ताव को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि या प्रतिक्रिया नहीं दी है।
अगले साल 900 करोड़ देने की योजना
रिपोर्ट के मुताबिक, यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो अगले वित्त वर्ष में बैटरी निर्माता कंपनियों को 900 करोड़ रुपए का नकद इंसेंटिव देने की योजना है। बाद में हर साल इस इंसेंटिव को बढ़ाया जा सकता है।