सार
कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे वाहन डीलरों को बाजार में बचे रहने के लिये कार बनाने वाली कंपनियों तथा सरकार से तत्काल वित्तीय मदद की आस है
ऑटो डेस्क: कोरोना वायरस महामारी के कारण प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझ रहे वाहन डीलरों को बाजार में बचे रहने के लिये कार बनाने वाली कंपनियों तथा सरकार से तत्काल वित्तीय मदद की आस है। वाहन डीलर इससे पहले से ही वाहन उद्योग में लंबे समय से जारी नरमी तथा भारत-स्टेज चार वाहनों के नहीं बिक पाये भंडार के कारण दबाव में थे। अब लॉकडाउन के कारण उनके सामने खाली खजाने के साथ कामगारों को बचाये रखने की चुनौती आ गयी है।
वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने कहा कि इस मुश्कित हालात में डीलरों को अब वाहन निर्माता कंपनियों से मदद की आस है। उन्होंने कहा, ‘‘वाहन निर्माता कंपनियों ने तत्काल हमारा बकाया वापस किया है। हमें कुछ अग्रिम भुगतान भी मिले हैं।
मार्च में न नौकरियों में की कटौती न ही वेतन किया कम
कुछ कंपनियों ने हमारे लिये अतिरिक्त मदद की भी घोषणाएं की हैं। हमें यकीन है कि अन्य कंपनियां भी आने वाले समय में हमारी मदद करेंगी।’’उन्होंने कहा कि डीलरों के लिये कामगारों को बचाकर रखने के लिये मदद महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मार्च में न तो नौकरियों में कटौती की, न ही वेतन कम किया। बिना आय के अप्रैल में कामगारों को वेतन दे पाना हमारे लिये मुश्किल हो गया है।’’
बीएस-4 वाहनों को खरीदने की घोषणा से राहत
काले ने कहा कि यदि ऐसे हालात में वाहन निर्माता कंपनियां मदद के लिये आगे नहीं आयीं तो जब लॉकडाउन खत्म होगा और परिस्थितियां सामान्य होने लगेंगी, उन्हें बिक्री के नेटवर्क में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘यह अप्रत्याशित परिस्थिति है। उन्हें पैसे खर्च करने होंगे और मदद मुहैया कराना होगा क्योंकि लॉकडाउन के खत्म होने के बाद जब हालात सामान्य होंगे, उन्हें कामगारों के साथ ही बिक्री के नेटवर्क की जरूरत होगी।’’
काले ने कहा कि हीरो मोटोकॉर्प और होंडा मोटरसाइकिल द्वारा नहीं बिक पाये बीएस-4 वाहनों को वापस खरीदने की हालिया घोषणा काफी राहत देने वाली है। उन्होंने अन्य कंपनियों के भी इसी तरह आगे आने की उम्मीद जाहिर की।
सरकार का कामगारों को पूरा वेतन देने का निर्देश
फाडा के पूर्व अध्यक्ष तथा ऑटोमोटिव स्किल्स डेवलपमेंट कौंसिल के वर्तमान अध्यक्ष नीलकुंज सांघी ने कहा कि वाहन निर्माता कंपनियों ने जो राहत पैकेज दिये हैं, वे उनके ऊपर पहले से बकाया थे। अभी तक उन्होंने कोई अतिरिक्त मदद नहीं दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही कामगारों को पूरा वेतन देने का निर्देश दे चुकी है। सरकार ने कामगारों को नौकरी से हटाने से भी सख्ती से मना किया है। बिना कारोबार के हम यह कैसे कर पायेंगे। फाडा ने सरकार से भी परिचालन के लिये पूंजी तथा डीलरों को भी एमएसएमई को मिलने वाले लाभ की मांग की है। इसके अलावा फाडा ने कुछ समय के लिये वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें घटाने की भी मांग की है।
(फाइल फोटो)