सार

इंडियन रेलवे टूरिज्म को प्रमोट करने  लीजिंग कॉन्सेप्ट पर आगे बढ़ रही है।  इस योजना के मुताबिक पूरी ट्रेन या उसके कुछ कोच लीज पर दिए जाएंगे। जो कंपनी इसे लीज पर लेगी वो इसमें  कल्चरल, धार्मिक और अन्य तरह के थीम के मुताबिक छोटा बदलाव कर सकती है। 

ऑटो डेस्क । देश में अब थीम बेस्ड ट्रेनो का संचालन किया जाएगा। रेलवे इसके लिए प्राइवेट पार्टी को कोचिंग स्टॉक लीज पर देने की दिशा में काम कर रही है। पर्यटकों (Tourist) को ट्रेन (Train) से आरामदायक यात्रा कराने और इस कार्य में अधिक से अधिक प्राइवेट पार्टी को जोड़ने के लिए रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने अपनी नीतियों को बदलने का फैसला किया है। निजी कंपनियों (Private Companies) को ट्रेन लीज पर दी जा सकेगी, इसके लिए विस्तृत दिशा-निर्देश बनाए जा रहे हैं। रेलवे ने  आम जनता के बीच रेल पर्यटन का विस्तार करने के लिए थीम आधारित सांस्कृतिक, धार्मिक और अन्य पर्यटक सर्किट रेलगाड़ी चलाने की योजना बनाई है।

इंडियन रेलवे लीजिंग कॉन्सेप्ट पर आगे बढ़ रही
इंडियन रेलवे अब रेलवे टूरिज्म को प्रमोट करने के लिए लीजिंग कॉन्सेप्ट पर आगे बढ़ रही है।  इस योजना के मुताबिक पूरी ट्रेन या उसके कुछ कोच लीज पर दिए जाएंगे। जो कंपनी इसे लीज पर लेगी वो इसमें  कल्चरल, रिलिजन और अन्य तरह के थीम के मुताबिक छोटा बदलाव कर सकती है। इसके लिए रेल मंत्रालय ने एग्जिक्युटिव डायरेक्टर स्तरीय कमेटी का गठन किया है, यह कमेटी इससे संबंधित पॉलिसी और टर्म एंड कंडिशन के बारे में फैसला लेगी। 

थीम बेस्ड पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में बहुत कम संख्या में टूरिस्ट ट्रेन (Tourist Train) चलाई जा रहीं हैं। इनमें भी अधिकतर ट्रेन धार्मिक पर्यटन स्थलों की सैर कराती हैं। देश में सुंदर पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने के लिए अब ट्रेनों को ध्रार्मिक स्थानों के अलावा भी संचालित किए जाने की योजना बनाई जा रही है।    इसके लिए रेलवे ऐसे लोगों को व्यवसाय का मौका देगी जो देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों का भ्रमण कराने के लिए एक योजनाबद्ध तरीके से काम कर सकते हैं। 

पांच साल के लिए ट्रेन दिए जाएंगे लीज पर
रेलवे बोर्ड (Railway Board) से मिली जानकारी के अनुसार इच्छुक पार्टी को ट्रेन कम से कम पांच साल तक के लिए लीज पर दिए जाएंगे। ट्रेन की लीज की अवधि बढ़ाई भी जा सकेगी, यदि डिब्बे की आयु और बचेगी। संबंधित पक्ष का कम से कम उतने डिब्बे किराये पर लेने होंगे, जिससे कि एक ट्रेन तो तैयार हो ही जाए। उन्हें टूरिस्ट सर्किट का रूट, स्टॉपेज, टैरिफ आदि डिसाइड करने का अधिकार मिलेगा।

टूरिस्ट ट्रेन के लिए हॉलेज चार्ज देय होगा
टूरिस्ट ट्रेन चलाने वाली प्रायवेट पार्टी से भारतीय रेल हॉलेज चार्ज वसूल करेगा। यदि पूरी ट्रेन लीज पर ली जाती है तो उन्हें लीज चार्ज भी देना होगा। हालांकि, यदि कोई पांच साल के लिए ट्रेन को लीज पर लेता हैं तो उसे ये लीज चार्ज नहीं देना होगा। ऐसी प्रायवेट पार्टी को नाम मात्र का  नॉमिनल स्टेंपिंग चार्ज देना होगा। यदि ट्रेन को मेंटनेंस के लिए कहीं ले जाया जाता है तो फिर रेलवे उससे हॉलेज चार्ज नहीं वसूलेगा।


वरिष्ठ अधिकारी तय करेंगे नियम
रेलवे का कहना है कि इस बारे में नीति तथा नियम और शर्तों को तैयार करने के लिए एक्जीक्यूटिव डाइरेक्टर स्तर के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया है। इस बारे में शीघ्र ही नियम और विनियम तैयार किया जाएगा।
रेलवे का प्रस्तावित मॉडल 
लीजिंग न्यूनतम पांच वर्षों के लिए की जा सकती है और यह कोचों की कोडल लाइफ तक बढ़ाई जा सकती है।
लीजिंग के बाद कोच के अंदर की डिजाइन में मामूली फेरबदल किया जा सकेगा, ये रेलवे के दिशानिर्देशों के अनुरूप होंगे।
प्रायवेट पार्टी बिजनेस मॉडल ( रेलरुट, प्रोग्राम शेड्यूलिंग, टैरिफ ) का निर्णय खुद कर सकेंगे। 
लीज अनुबंध करने वाली कंपनियों का आसान रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। 
भारतीय रेल हॉलेज शुल्क, मामूली स्टैब्लिंग शुल्क तथा लीज शुल्क लगाएगी। (एकमुश्त खरीद के लिए कोई लीज शुल्क नहीं)
 
अन्य विशेषताएं 
फिक्स टाइम शेड्यूलिंग किया जाएगा। की पाबंदी को प्राथमिकता।
कोच मेकअप और यात्रा कार्यक्रमों के लिए समय पर मंजूरी।
मेंटेनेंस के लिए कोई हॉलेज नहीं लिया जाएगा।
रेलगाड़ी के अंदर तीसरी पार्टी के विज्ञापनों की अनुमति, रेलगाड़ी की ब्रांडिंग की अनुमति।
नीति निर्माण और नियम व शर्तों के लिए रेल मंत्रालय द्वारा कार्यकारी निदेशक स्तर की समिति गठित की गई है।