सार

Airports Authority of India ने 6 प्रमुख हवाई अड्डों भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर सहित 7 छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के प्राइवेटाइजेशन को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा।

ऑटो डेस्क । Airports Authority of India (AAI) ने  अगले साल की शुरुआत तक 13 एयरपोर्ट के प्राइवेटाइजेशन  को हरी झंडी दे दी है- 6 प्रमुख और 7 छोटे एयरपोर्ट को इसमें शामिल किया गया है। सरकार ने फायनेंस ईयर 2024 तक हवाई अड्डों में 3,660 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य तय किया है।

 13 एयरपोर्ट का होगा प्राइवेटाइजेशन
सूत्रों की मानें तो Airports Authority of India (AAI) ने 6 प्रमुख हवाई अड्डों- भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर और सात छोटे हवाई अड्डों- झारसुगुड़ा, गया, कुशीनगर, कांगड़ा, तिरुपति, जबलपुर और जलगांव के प्राइवेटाइजेशन को मंजूरी दे दी है। इन छोटे हवाई अड्डों को प्रमुख हवाई अड्डों के साथ जोड़ा जाएगा ताकि बड़े इंवेस्टर को लुभाया जा सके। एएआई निजीकरण के लिए टेंडर आमंत्रित करेगा। इसके लिए सलाहकार की नियुक्ति भी की जाएगी।  टेंडर  2022 की शुरुआत में मंगाए जा सकते हैं। देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब हवाई अड्डों के प्रायवेटाजाइजेशन में छोटे हवाई अड्डों को बड़े एयरपोर्ट के साथ जोडऩे का मॉडल तैयार किया जा रहा है। 

छोटे हवाई अड्डों को बड़े एयरपोर्ट के साथ किया जाएगा कनेक्ट
नीति आयोग ने कहा है कि, 'मुनाफा कमा रहे एयरपोर्ट के साथ गैर-लाभप्रद हवाई अड्डों का प्राइवेटाइजेशन के निवेश एवं भागीदारी से विकास सुनिश्चित करने के लिए 6 बड़े हवाई अड्डों के साथ छोटे हवाई अड्डों को जोड़ने और एक पैकेज के रूप में देने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।'

 Airports Authority of India (AAI) की योजना के मुताबिक झारसुगुड़ा हवाई अड्डे को भुवनेश्वर के साथ जोड़ा जाएगा। कुशीनगर एवं गया हवाई अड्डों को वाराणसी के साथ, कांगड़ा को अमृतसर के साथ, जबलपुर को इंदौर  के साथ, जलगांव को रायपुर  के साथ और त्रिची को तिरुपति हवाई अड्डे के साथ जोड़ा जाएगा। 

अडानी ग्रुप ने लगाई थी सबसे ऊंची बोलियां
प्राइवेटाइजेशन के पिछले दौर में, उद्योगपति  गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी समूह ने सभी 6 हवाई अड्डों- अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम, मंगलुरु और गुवाहाटी को हासिल करने के लिए बड़ी बोलियां लगाई थी। कुछ एयरपोर्ट के लिए तो ये बोली तकरीबन दोगुना थी। केंद्र सरकार को उम्मीद है कि वो 13 एयरपोर्ट की नीलामी से भारी- भरकम राशि जुटा सकती है।