सार

जेडीयू विधायक ने इस घटना की सूचना संबंधित थाने में दी है। उनका दावा है कि हमला करने वाले महागठबंधन के समर्थन में नारे लगाए थे। अगर हमलावर हमारे सामने आएंगे तो उन्हें हम पहचान लेंगे। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में लगी है।

आरा (Bihar ) ।  बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Election के पहले चरण के मतदान 28 अक्टूबर को होना है। इसी बीच बड़ी खबर अजीमाबाद थाना (Azimabad Police Station) क्षेत्र के किरकिरी पंचायत के चिलहर से आ रही है। जहां बीती रात भोजपुर जिले की अगिआंव विधानसभा सीट से जेडीयू प्रत्याशी प्रभुनाथ राम (JDU MLA Prabhunath Ram) पर जानलेवा हमला कर दिया गया। हालांकि वो बाल-बाल बच गए हैं। लेकिन, इस हमले में उनके काफिले में शामिल गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जिनमें एक गाड़ी का शीशा भी टूट है। बताया जा रहा है कि विधायक के 3-4 समर्थकों को चोटें भी आई हैं।

प्रचार करके लौटे थे विधायक
विधायक प्रभुनाथ राम के मुताबिक वो चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को जनसंपर्क कर वापस घर लौट रहे थे। इसी दौरान किरकिरी पंचायत के चिलहर गांव के पास अचानक से कुछ असामाजिक तत्वों ने उनके काफिले के पर हमला बोल दिया। इस जानलेवा हमले में काफिले में शामिल गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गईं। 

विधायक ने सुनाई ये कहानी
विधायक प्रभुनाथ राम के मुताबिक हमलावर सैकड़ों की संख्या में थे। उन्होंने काफिले को रोकने की कोशिश भी की। उनमें से कई लोग अपने हाथों में लाठी-डंडे लिए हुए थे और उनमें से कुछ लोग बाइक से आगे भी खड़े थे। हमलावर सोचे कि वो आगे की गाड़ी में बैठे हैं, यही सोच पहली गाड़ी पर हमला बोल दिया, जिससे गाड़ी का शीशा टूट गया। हम अपनी गाड़ी के साथ किसी तरीके से आगे की ओर निकले। लेकिन, थोड़ी दूर पीछा करने के बाद पत्थरबाजी शुरू कर दी गई। इससे काफिले में शामिल एक गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई।

हमलावर महागठबंधन के लगा रहे थे नारे
जेडीयू विधायक ने इस घटना की सूचना संबंधित थाने में दी है। उनका दावा है कि हमला करने वाले महागठबंधन के समर्थन में नारे लगाए थे। अगर हमलावर हमारे सामने आएंगे तो उन्हें हम पहचान लेंगे। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में लगी है।

वीडियो भी हो रहा वायरल
इस घटना का वीडियो बनाकर इलाके में वायरल किया जा रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि बड़ी संख्या में ग्रामीण प्रभुनाथ वापस जाओ के नारे लगा रहे हैं। साथ में रोड नहीं, तो वोट नहीं के नारे भी लग रहे हैं। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए विधायक ने काफिले को पीछे मोड़ना ही बेहतर समझा। बाद में उन्होंने इस घटना का आरोप महागठबंधन समर्थकों पर लगा दिया है।