सार
खुद को सन ऑफ मल्लाह (नाविक) कहने वाले मुकेश साहनी 8वीं पास हैं। वे बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजायन करते थे। उन्होंने 'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम किया था, जिससे वो काफी लोकप्रिय हुए थे। उनकी खुद की कंपनी हैं, जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों को रखा है, ताकि वह अपने राजनीतिक सपने को पूरा कर सकें।
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Elections) में एनडीए के सहयोगी दल वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश साहनी (Mukesh Sahni) हार गए हैं। सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा सीट (Simri Bakhtiyarpur Assembly Seat) से चुनाव थे। जहां उनका मुकाबला आरजेडी के युसुफ सलाउद्दीन (Yusuf Salauddin से था। बता दें कि मुकेश साहनी को करीब 66 हजार मत मिले हैं।
8वीं पास हैं मुकेश साहनी, खुद की है कंपनी
खुद को सन ऑफ मल्लाह (नाविक) कहने वाले मुकेश साहनी 8वीं पास हैं। वे बॉलीवुड में इवेंट मैनेजमेंट और हिंदी फिल्मों के लिए सेट डिजायन करते थे। उन्होंने 'देवदास' और 'बजरंगी भाईजान' जैसी फिल्मों के लिए डिजायन का काम किया था, जिससे वो काफी लोकप्रिय हुए थे। उनकी खुद की कंपनी हैं, जिसका नाम मुकेश सिनेवर्ल्ड प्राइवेट लिमिटेड है। इस कंपनी को चलाने के लिए उन्होंने अपने कई रिश्तेदारों को रखा है, ताकि वह अपने राजनीतिक सपने को पूरा कर सकें।
पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान ली राजनीति में इंट्री
मुंबई में मिली कामयाबी के बाद पिछले चुनाव से बिहार राजनीति में इंट्री ली थी। वो शुरू में नीतीश कुमार को समर्थन करते थे। लेकिन, बता दें कि उस समय एनडीए और जेडीयू के बीत गठबंधन टूट गया था। ऐसे में बीजेपी को लगने लगा था कि मल्लाह वोटर्स में अच्छी पकड़ रखने वाले उपेंद्र कुशवाहा और नीतीश कुमार के खिलाफ वो अच्छा विकल्प बन सकते हैं। जिसके चलते बीजेपी ने मुकेश साहनी को अपने खेमें में मिला लिया था। हालांकि चुनाव में वो बीजेपी की मंशा पर खरे नहीं उतरे थे।
इस बार बीजेपी ने दिया है अपने कोटे की 11 सीटें
इस बार विधानसभा चुनाव में वीआईपी अध्यक्ष मुकेश साहनी महागठबंधन के हिस्सा थे। लेकिन, सीट बंटवारे को लेकर बात न बनने पर वो अलग हो गए और बाद में बीजेपी के साथ दोस्ती कर लिए। इस बार बीजेपी ने उन्हें अपने कोटे से 11 सीटे दी थी। बता दें कि मुकेश साहनी सालों से निर्विवाद तौर पर निषाद समाज के नेता बने रहने में सफल रहे हैं। दबाव बनाने के लिए वह निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की मांग करते आ रहे हैं।
राजनीतिक सफरनामा
- विकासशील इंसान पार्टी के संस्थापक हैं।
- पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर थे।
- 2015 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार किया था। इसके बाद खुद की पार्टी बना ली थी।
- विकासशील इंसान पार्टी की 2019 लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का हिस्सा थी।
- 2019 में वीआईपी से लोकसभा चुनाव लड़े, लेकिन हार गए।