सार

एलजेपी पहले एनडीए में ही थी। फिलहाल एनडीए में बीजेपी-जेडीयू के अलावा मांझी की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा और मुकेश साहनी की वीआईपी शामिल है। 

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Polls 2020) में एलजेपी (LJP) और एनडीए (NDA) के बीच नए विवाद की वजह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) का चेहरा बन गया है। बीजेपी ने एनडीए के चार दलों को ही मोदी का चेहरा इस्तेमाल करने की अनुमति दी है। इसके अलावा किसी और दल के ऐसा करने पर एफ़आईआर तक कराने की बात कही गई। लेकिन एलजेपी ने तय कर लिया है कि वो बिहार चुनाव में किसी न किसी तरीके पीएम मोदी को लेकर जनता के बीच जाएगी। चिराग पासवान (Chirag Paswan) के इस कदम से एनडीए में बीजेपी की परेशानी बढ़ सकती है। बीजेपी (BJP) के कई दिग्गज असंतुष्टों को भी एलजेपी ने पार्टी में शामिल किया है। 

एलजेपी पहले एनडीए में ही थी, लेकिन नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) से मतभेदों के बाद पार्टी ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। फिलहाल एनडीए में बीजेपी-जेडीयू (JDU) के अलावा जीतनराम मांझी (Jeetanram Manjhi) की हिंदुस्तानी अवामी मोर्चा (HAM) और मुकेश साहनी (Mukesh Sahani) की वीआईपी (VIP) शामिल है। मांझी जेडीयू कोटे से से हैं। एलजेपी पहले 143 सीटों पर उम्मीदवार उतारने का संकेत दे रही थी। अब साफ किया है कि एनडीए में जेडीयू कोटे की 122 सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे जाएंगे। बिहार चुनाव कैम्पेन के लिए एलजेपी चीफ चिराग ने खाका तैयार कर लिया है। पार्टी ने नीतीश कुमार के कार्यकाल की कमियों और बिहार के लिए पीएम मोदी के काम को जनता के बीच ले जाने का फैसला किया है। 

मोदी के नाम पर ऐसे कैम्पेन चलाएगी एलजेपी 
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद प्रिंस राज ने भी कहा- पीएम पूरे देश के हैं। उनके कार्यों को बिहार चुनाव में जनता के सामने पेश करना हमारी पार्टी की प्राथमिकता में है। पार्टी ने तय किया है कि चुनाव प्रचार के दौरान एलजेपी का हर कार्यकर्ता पीएम मोदी के कार्यों के बारे में जनता को बताएंगे। हालांकि बीजेपी के रूख की वजह से इसकी उम्मीद कम है कि एलजेपी मोदी के चेहरे का चुनाव में इस्तेमाल करे। पार्टी कार्यकर्ताओं को टास्क सौंप दिए गए हैं। पार्टी 'बिहार फर्स्‍ट, बिहारी फर्स्‍ट विजन डाक्यूमेंट-2020' पर चुनाव में उतर रही है। 

एलजेपी के पैंतरे से बिहार हैरान 
चर्चाओं की मानें तो एलजेपी की कोशिश है कि चुनाव कैम्पेन में किसी भी तरह से पार्टी के जरिए बीजेपी को नुकसान न पहुंचे। बीजेपी के साथ पार्टी के रिश्ते बने रहे। यह कोशिश भी है कि चुनाव बाद बीजेपी के साथ बिहार में सरकार बनाई जाए। चिराग ने एनडीए से अलग होने के दौरान पहले ही इसका ऐलान कर दिया था। वैसे बिहार में एलजेपी का पैंतरा लोगों  की समझ में नहीं आ रहा है।