सार
मामले की जांच कर रहे सिटी एसपी राकेश कुमार ने कहा है कि इस मामले में कुल 11 आरोपी हैं। इनमें से 8 नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो झारखंड से जुड़े अधिकारी हैं। इसलिए इनके खिलाफ केस को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग से वरीय अधिकारियों से अनुमति लेनी जरूरी थी। इस अनुमति की प्रकिया की वजह से केस में समय लगा है पर अभी काफी तेज गति से इसपर काम किया जा रहा है।
गया (Bihar) । बाराचट्टी थाना में अक्टूबर 2015 में दर्ज मामले में पुलिस ने अपनी जांच में एनसीबी यानी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आठ अधिकारी एवं कर्मचारियों को दोषी माना है। इन आठ में से पांच जमानत पर हैं, जबकि तीन अभी फरार हैं, जिनके खिलाफ कुर्की जब्ती की प्रकिया शुरू की गई है। बता दें कि जांच में यह बात सामने आई है कि कि इन अधिकारियों ने तीन लोगों का अपहरण करने के बाद 15 लाख की राशि की वसूली बाद के दो लोगों को छोड़ दिया गया, जबकि उनके कर्मचारी मंगा सिंह को फर्जी केस बनाकर जेल भेज दिया गया।
यह है पूरा मामला
बाराचट्टी के काहूदाग निवासी कौशल्या देवी ने एक लिखित शिकायत दी थी। आरोप था कि 6 अक्टूबर 2015 को लाल बत्ती लगी गाड़ी से आए 8-9 अपराधियों द्वारा घर में घुसकर गाली-गलौज कर पैसा, गहना नगद रूपया, पासबुक, पहचान पत्र, पैन कार्ड, चेकबुक लेकर जबरदस्ती ले लिया गया। उनकी बोलेरो गाड़ी की चाबी लेकर होटल मालिक तजेंद्र सिंह, उनके साला बलिन्द्र सिंह एवं एक कर्मचारी मंगा सिंह का अपहरण कर चल गए।
जांच में ये बातें आई सामने
जांच में चौंकानेवाला मामला समाने आया। इस पूरी घटना को एनसीबी के अधिकारियों एवं सिपाहियों की मिलभगत से अंजाम दिया गया। इसमें तीन लोगों का अपहरण करने के बाद 15 लाख की राशि की वसूली के बाद तेजेन्द्र सिंह और बलिन्द्र सिंह को छोड़ दिया गया. जबकि उनके कर्मचारी मंगा सिंह को फर्जी केस बनाकर जेल भेज दिया गया। वहीं, डीएम अभिषेक सिंह ने नारकोटिक्स कंट्रोल बोर्ड के महानिदेशक को पत्र भेजकर सभी आरोपी के खिलाफ अभियोजन के लिए स्वीकृति देने की अनुशंसा की थी।
पुलिस के हाथ लगे ये प्रमाण
पुलिस को 15 लाख की राशि पीड़ित परिवार द्वारा आरोपी के खाता में भेजने का प्रमाण मिला है। घटना के दिन बरही में संबंधित अधिकारियों के लाल बत्ती लगी गाड़ियों के आने-जाने का सीसीटीवी फुटेज मिल गया है। शिकायकर्ता द्वारा बताये गई बोलेरों गाड़ी को एनसीबी ने मंगा सिंह की गिरफ्तारी के साथ जब्ती सूची में दर्ज की हुई है। अप्राथमिक अभियुक्त का वर्दी और फोटो भी मिला है।
मामले में है 11 दोषी
मामले की जांच कर रहे सिटी एसपी राकेश कुमार ने कहा है कि इस मामले में कुल 11 आरोपी हैं। इनमें से 8 नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो झारखंड से जुड़े अधिकारी हैं। इसलिए इनके खिलाफ केस को आगे बढ़ाने के लिए संबंधित विभाग से वरीय अधिकारियों से अनुमति लेनी जरूरी थी। इस अनुमति की प्रकिया की वजह से केस में समय लगा है पर अभी काफी तेज गति से इसपर काम किया जा रहा है।