सार

चलती कार में पत्नी और साली को गोली मार कर खुद की जान लेने वाला फौजी विष्णु शर्मा का सोमवार शाम उनके पैतृक गांव अंतिम संस्कार हुआ। जहां पति-पत्नी को एक ही जिता पर जलाया गया।  बता दें कि विष्णु शर्मा शुरुआत से ही गुस्सैल स्वभाव का था। इसी वजह से वह चार बार जेल भी जा चुका था।

पटना. चलती कार में पत्नी और साली को गोली मार कर खुद की जान लेने वाला फौजी विष्णु शर्मा का सोमवार शाम उनके पैतृक गांव लालगंज में अंतिम संस्कार हुआ। जहां पति-पत्नी को एक ही जिता पर जलाया गया।  बता दें कि विष्णु शर्मा शुरुआत से ही गुस्सैल स्वभाव का था। आए दिन उसके झगड़े होते थे। इसी वजह से वह चार बार जेल भी जा चुका था।

ये है पूरा मामला, पलभर में हो गया सब खत्म
बता दें कि रविवार के दिन फौजी ने अपनी पत्नी और साली की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद खुद को भी गोली मार ली। घटना के पीछे अजीबो-गरीब वाक्या सामने आया है। फौजी अपनी साली की शादी में शामिल होने भोजपुर के तरारी गांव आया था। साली की 23 नवंबर को ही शादी हुई थी। इसी दौरान उसे डेंगू के मच्छर ने काट लिया। फौजी इसके बाद से चिढ़चिढ़ा हो गया था। अपनी बीमारी के लिए वो ससुरालवालों पर दोष मढ़ रहा था। रविवार को वो इलाज के लिए पटना जा रहा था। कार ड्राइवर चला रहा था। फौजी के साथ पत्नी, साली और उसके दोनों बच्चे भी थे। रास्ते में अचानक बातचीत के दौरान फौजी अपना दिमागी संतुलन खो बैठा। उसने चलती कार में पत्नी और साली को गोली मार दी। वो अपने दोनों बच्चों को भी मारना चाहता था, लेकिन ड्राइवर की सतर्कता से वो अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सका। हालांकि बाद में उसने खुद को भी गोली मार ली। 

फौजी ने इस वजह से दिया घटना को अंजाम
घटना के बारे में एसडीपीओ मनोज पांडेय ने बताया कि विष्णु ने डिप्रेशन की वजह से घटना को अंजाम दिया। वह पहले चार केस में जेल जा चुका था। कोतवाली पुलिस के साथ झड़प, दानापुर डीएसपी पर हमला और रांची पुलिस के साथ मारपीट के मामले में विष्णु को जेल जाना पड़ा था। विष्णु शर्मा 2009 में सातवीं बिहार बटालियन के इंडियन आर्मी फोर्स में बहाल हुए थे। फौजी के ससुर ने बताया कि विष्णु शुरू से ही गुस्सैल और मेंटली डिस्टर्ब प्रवृति का था। साली की शादी में छुट्‌टी लेकर ससुराल पहुंचे विष्णु को डेंगू हो गया था।

बेटे को मुखाग्नि देने के बाद फूट-फूटकर रोया पिता
अपने इकलौते बेटे-बहू को मुखाग्नि देने वाले फौजी पिता चिता के पास बैठकर फूट-फूटकर रो रहे थे। वहीं अपने लाल को याद करके मां बार-बार बेहोश हो जाती थी। जैसी ही दोनों की  डेडबॉडी गांव पहुंची तो पूरे इलाके के लोगों के मन में एक ही सवाल था कि आखिर विष्णु ने ऐसा क्यों किया।