सार
पेशे से राजमिस्त्री बिंदेश्वरी ने कई वर्षों तक मेहनत कर पक्का मकान बनाया था। वह अपने घर का दूसरा फ्लोर बना रहे थे तभी बाढ़ आ गई। मकान मही नदी के पास था। इस साल नदी की धारा बदली और मकान को अपनी चपेट में ले लिया। पानी की तेज धारा के चलते मकान के नींव के नीचे की मिट्टी कट गई थी। खतरे को देखते हुए घर में रह रहे सभी लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो गए थे।
पटना (Bihar) । बिहार में इस बार बाढ़ 16 जिलों में है। वहीं, मरने वालों की संख्या 24 तक पहुंच गई है। आपदा प्रबंधन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 16 जिलों में 62,000 से ज्यादा लोगों के प्रभावित क्षेत्रों में पानी घुस गया, जिससे बाढ़ पीड़ितों की संख्या 75 लाख से अधिक हो गई। सारण जिले के तरैया प्रखंड से होकर बहने वाली मही नदी इन दिनों तबाही मचा रही है। उफनती नदी ने पचरौर बाजार के बिंदेश्वरी सिंह कुशवाहा का सबकुछ छीन लिया। उनका पक्का मकान चंद सेकेंड में गिरकर बह गया। बता दें कि इस मकान को बनाने के लिए वे वर्षों से मेहनत कर रहे थे।
यह है पूरा मामला
पेशे से राजमिस्त्री बिंदेश्वरी ने कई वर्षों तक मेहनत कर पक्का मकान बनाया था। वह अपने घर का दूसरा फ्लोर बना रहे थे तभी बाढ़ आ गई। मकान मही नदी के पास था। इस साल नदी की धारा बदली और मकान को अपनी चपेट में ले लिया। पानी की तेज धारा के चलते मकान के नींव के नीचे की मिट्टी कट गई थी। खतरे को देखते हुए घर में रह रहे सभी लोग दूसरी जगह शिफ्ट हो गए थे।
ताश के पत्ते की तरह ढह गया मकान
बुधवार को वही हुआ, जिसका अंदेशा था। मकान नदी की तरफ झुकने लगी फिर चंद सेकेंड में ताश के पत्ते की तरह भरभराकर ढह गई। धूल का गुबार उठा और मकान का बड़ा हिस्सा नदी में बह गया। गुबार जब हटा तो मकान की जगह उसका कुछ मलबा ही बचा था। नदी की धारा उसे भी अपने साथ लिए जा रही थी।