सार
मुंगेर जिले में पहाड़ों से घिरे आजिमगंज पंचायत के मथुरा गांव में परमानंद टुड्डू ने हाल ही में मुखिया का चुनाव जीता था। परमानंद को 31 दिसंबर को मुखिया पद की शपथ लेनी थी। घर में खुशियों का माहौल था। इसी बीच, बीती रात नक्सली आ धमके और मुखिया को उठाया और उनसे खींचातानी करने लगे। नक्सलियों ने कहा- ‘चुनाव जीते हो, खस्सी खिलाओ...’
मुंगेर। बिहार (Bihar) के मुंगेर (Munger) में शपथ (Oath) लेने से पहले ही नवनिर्वाचित मुखिया की गला काटकर हत्या (Mukhiya Murder) कर दी गई। घटना के बाद ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। घटना को अंजाम देने वाले वर्दी पहनकर मुखिया के घर आए थे और सोते वक्त उठाकर ले गए। इन लोगों ने पहले गांव की बिजली काटी, उसके बाद मुखिया का गला रेत दिया। बाद में पता चला कि नक्सलियों (Naxalites) ने वारदात को अंजाम दिया है। हत्या के पीछे चुनाव जीतने के बाद मुखिया की ओर से खर्च नहीं किया जाना बताया गया। मुखिया के बेटे ने पूरी घटना के बारे में जानकारी दी है। ये घटना लडैयां टांड थाना इलाके की है।
जानकारी के मुताबिक, मुंगेर जिले में पहाड़ों से घिरे आजिमगंज पंचायत के मथुरा गांव में परमानंद टुड्डू ने हाल ही में मुखिया का चुनाव जीता था। परमानंद को 31 दिसंबर को मुखिया पद की शपथ लेनी थी। घर में खुशियों का माहौल था। इसी बीच, बीती रात नक्सली आ धमके और मुखिया को उठाया और उनसे खींचातानी करने लगे। नक्सलियों ने कहा- ‘चुनाव जीते हो, खस्सी खिलाओ...’ उसके बाद पहले उन्हें घसीटते हुए बाहर लेकर गए और फिर अंधेरे में गला रेतकर हत्या कर दी। बेटे का कहना था कि उसने इससे पहले कभी नक्सलियों को नहीं देखा था।
बेटे अभिषेक ने पुलिस को सुनाई पूरी कहानी
मुखिया का बेटा अभिषेक 12वीं में पढ़ता है। उसने बताया- देर रात फौज की तरह वर्दी पहने 6 लोग घर में घुस आए। इनके हाथों में धारदार हथियार और बंदूकें थीं। ऊपर से स्वेटर पहने थे। ये लोग पैदल ही आए थे। कह रहे थे कि हम पार्टी के आदमी हैं। पापा को खोज रहे थे। पूछा- मुखियाजी कहां हैं। पहले तो वो प्यार से बात कर रहे थे। कह रहे थे कि कुछ मांग-वांग करेंगे। हम पढ़ रहे थे। पापा सो रहे थे। मैंने मम्मी को बताया। इसके बाद वो लोग अंदर घुस आए और पापा को उठाने के लिए कहने लगे। इसके बाद मम्मी ने पापा को उठाया। पापा से मिलते ही वो लोग कहने लगे खस्सी नहीं खिलाओगे। पापा ने कहा कि जरूर खिलाएंगे। इसके बाद वो लोग पापा को लेकर घर से बाहर निकल गए और 100 मीटर की दूर ले जाकर पापा का गला काट दिया। घटना रात करीब 8 साढ़े की है।
घर में था खुशियों का माहौल...
बता दें कि चुनाव जीतने वाले सभी नवनिर्वाचित मुखिया के शपथ पद की शुरुआत शुक्रवार से होनी है। टुड्डू को शपथ 31 दिसंबर को शपथ लेनी थी। इसको लेकर परिवार और रिश्तेदार सभी खुश थे। दूर-दूर तक भोज का आमंत्रण भी दिया गया था। ग्रामीणों का कहना है कि कि नक्सलियों ने गांव वालों से दूसरे मुखिया का समर्थन करने की अपील की थी, लेकिन लोगों ने परमानंद टुड्डू के सामाजिक सरोकार और विन्रमता को देखते हुए उन्हें चुनाव में वोट दिया था, जिसके बाद नक्सली गुस्से में आकर परमानंद की हत्या कर दी। हालांकि, ये भी बताया जा रहा है कि खस्सी के मांस वाली बात सही है।
परमानंद ने मेहनत से बनाई थी पहचान
मुखिया परमानंद रेलवे से सेवानिवृत पिता श्यामसुंदर टुड्डू के साथ रहकर खेती-बाड़ी करते थे। परमानंद ने नक्सलियों की चेतावनी के बाद भी 2016 में मुखिया का चुनाव लड़ा था, लेकिन चुनाव में जीत नहीं पाया था। इस बार भी नक्सलियों ने चुनाव नहीं लड़ने की चेतावनी दी थी, जिसे परमानंद ने अनसुना कर दिया और चुनाव लड़कर जीत गया। ग्रामीणों का कहना है कि मुंह खोलने पर नक्सलियों ने अंजाम भुगतने की चेतावनी दी है, इसलिए गांव वाले पूरी तरह चुप हैं।
पुलिस बोली- नक्सलियों ने हत्या की होगी...
मामले में लडैयाटांड थानाध्यक्ष नीरज कुमार ठाकुर ने बताया कि सूचना के बाद मौके पर पुलिस पहुंची थी। पूरे मामले की जांच की जा रही है। डीएसपी सदर ने कहा कि परमानंद की हत्या नक्सलियों ने की होगी, उससे इनकार नहीं किया जा सकता है।