सार

कोरोना होने के शक के कारण कोई वाहन मालिक अपनी गाड़ी देने को तैयार नहीं हुआ। इलाज के अभाव में आखिरकार उसकी मौत हो गई। मौत के बाद गांव के सभी लोग दहशत में आ गए हैं। वे कोरोना टेस्टिंग की मांग करने लगे हैं।
 

दरभंगा (Bihar) । एक महिला अपने पति के शव के साथ पिछले 24 घंटे से घर में बैठी है। महिला के साथ उनके छोटे-छोटे तीन बच्चे भी हैं, जो भूखे-प्यासे हैं। वहीं, गांव के लोग चाहकर भी महिला की मदद नहीं कर पा रहे हैं। यहां तक कि कोई उस घर में भी नहीं आ रहा है। वजह मृतक को तेज बुखार आ रहा था, जिसके कारण गांव के लोग कोरोना से मौत होने की आशंका जता रहे हैं। यह मामला पंचोभ पंचायत स्थित शिवदासपुर गांव का है।

यह है पूरा मामला
मृतक की पत्नी की मानें तो उनका पति परिवार के साथ 2 जून को दिल्ली से दरभंगा के सिंहवाड़ा स्थित घर पंहुचा था। पति तेज बुखार से ग्रसित था। ऐसे में वह उन्‍हें लेकर इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचीं। जहां चिकित्सकों ने सभी को क्‍वारंटाइन होने की सलाह दी, तभी एक अधिकारी ने क्‍वारंटाइन सेंटर बंद होने की बात कहकर घर पर ही सुरक्षित रहते हुए इलाज कराने की बात कही। ऐसे में बीमार पति को लेकर महिला घर लौट गई। लेकिन, समय के साथ पति की तबियत और बिगड़ती चली गई।

दिल्ली से आने की बात सुनकर गांव में हड़कंप
महिला से रहा नहीं गया और वह पति और बच्चों को लेकर अपने मायके शिवदासपुर पहुंच गई। बीमारी हालात में दिल्ली से आने की बात सुन गांव में हड़कंप मच गया। लोग इसे कोरोना बीमारी होने के शक से देखने लगे। कोरोना से भयभीत गांव के लोग इसकी सूचना गांव के मुखिया राजीव चौधरी को दी।

एम्बुलेंस देने से इंकार
मुखिया राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि वह बिना समय गंवाए इसकी सूचना प्रखंड चिकित्सा प्रभारी को दी। साथ ही बीमार शख्‍स के इलाज के लिए आग्रह किया। एक एम्बुलेंस की भी मांग की। लेकिन, डॉक्टर ने यह कह कर मदद से इंकार कर दिया कि अब लॉकडाउन समाप्त हो गया है। ऐसे में अपने वाहन की सुविधा से आप अस्पताल जाएं।

नहीं मिली कोई गाड़ी
कोरोना होने के शक के कारण कोई वाहन मालिक अपनी गाड़ी देने को तैयार नहीं हुआ। इलाज के अभाव में आखिरकार उसकी मौत हो गई। मौत के बाद गांव के सभी लोग दहशत में आ गए हैं। वे कोरोना टेस्टिंग की मांग करने लगे हैं।