सार
प्रशासन ने राजधानी में ऐसे 12 घाट चिन्हित किए हैं, जहां जाना खतरनाक हो सकता है। इनमें से 4 घाट तो ऐसे हैं जहां जान को खतरा भी हो सकता है। वहीं 8 घाटों पर गंगा की बजाय नाले का पानी बह रहा है।
पटना : छठ पूजा (chhath puja 2021) की शुरुआत हो गई है। उत्तर भारतीय और बिहार (bihar) के रहने वालों के घर पूरी तरह छठ पर्व में की भक्ति में सराबोर हैं। पहले दिन व्रती महिलाओं ने सुबह से नहाकर सूर्य को अर्ध्य देकर सूर्योपासना के साथ इस पर्व की शुरुआत की। इस दौरान घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिली, अगले दो दिन और घाटों पर भीड़ देखने को मिल सकती है। ऐसे में पटना प्रशासन ने राजधानी में ऐसे 12 घाट चिन्हित किए हैं, जहां जाना खतरनाक हो सकता है। इनमें से 4 घाट तो ऐसे हैं जहां जान को खतरा भी हो सकता है। वहीं 8 घाटों पर गंगा (ganga) की बजाय नाले का पानी बह रहा है। आइए जानते हैं कौन-कौन से घाट हैं जहा जाने के लिए प्रशासन ने प्रतिबंध लगा दिया है।
इन घाटों पर जाना मना है
प्रशासन ने 12 घाटों को चिन्हित कर उन्हें प्रतिबंधित कर दिया है। खतरनाक घाटों को लाल रंग के कपड़े से घेरा गया है। वहां लाल लाइट लगाई गई हैं। जबकि ऐसे घाट जहां स्नान और पूजा किया जा सकता है वहां सफेद पीला और सफेद नीला कपड़ा लगाकर सफेद लाइट लगाई गई है। जो चार घाट दलदल में तब्दील हो गए हैं और वहां जाने से जान को खतरा है, उनमें कंटाही घाट, टेढ़ी घाट, महाराज घाट और मिरचई घाट हैं। इन घाटों पर 2 फीट से लेकर 150 फीट तक दलदल हो गया है।
इन घाटों पर बह रहा नाले का पानी
वहीं 8 घाट ऐसे भी हैं जहां गंगा जल नहीं बल्कि नालों का पानी बह रहा है जो छठ पूजा के लिए बिल्कुल भी उपयुक्त नहीं हैं। इन घाटों में अदालत घाट, मिश्री घाट, टीएन बनर्जी घाट, जजेज घाट, अंटा घाट, जहाज घाट, बीएन कॉलेज घाट और बांकीपुर घाट शामिल हैं। इन घाटों पर स्नान करने से व्रत के खंडित होने का डर है। वहीं दो घाट ऐसे हैं जहां अभी तैयारी चल रही है। इन घाटों पर भी श्रद्धालुओं को सावधानी से जाना होगा। प्रशासन का कहना है कि कलेक्ट्रेट घाट और महेंद्रू घाट पर संपर्क मार्ग की समस्या है। इन घाटों के संपर्क मार्ग पर पानी के साथ दलदल है। ऐसे में इन घाटों पर जाने के लिए बांस घाट से संपर्क मार्ग बनाने का काम चल रहा है।
जांच के बाद अलर्ट
पटना में खतरनाक घाटों और उपासना के लिए उपयुक्त नहीं होने वाले 12 घाटों की लिस्ट जल संसाधन विभाग की टीम और मजिस्ट्रेट के निरीक्षण के बाद घोषित की गई है। जिले के डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से अपील की है कि व्रती के साथ श्रद्धालु इन घाटों पर छठ व्रत के लिए नहीं जाएं। वह पूजा के लिए अन्य घाटों का उपयोग करें। घाटों को खतरनाक घोषित करने के लिए दो ही कारण बताए गए हैं पहला दलदल और दूसरा नालों का पानी बहना है।
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