सार

गोपालगंज के चर्चित रोहित जायसवाल मर्डर केस की जांच करने बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे खुद उस नदी तक पहुंचे जहां से शव बरामद हुआ था। उन्होंने नदी में उतरकर करीब 20 मिनट तक उसकी गहराई नापी।

गोपालगंज। बिहार पुलिस के मुखिया डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे शनिवार को गोपालगंज पहुंचे। उन्होंने बिहार-यूपी सीमा पर प्रवासियों की आवाजाही की व्यवस्था देखी, अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए और उसके बाद कटैया के बेलहीडीह गांव पहुंचे। ये वहीं गांव है जहां के एक युवक की मौत को मस्जिद में हिंदू लड़के की बलि देने की बात कह कर सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था। रोहित जायसवाल नामक बच्चे की मौत 28 मार्च को ही हुई थी। लेकिन बीते कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर इसे हिंदू-मुस्लिम रंग देकर वायरल किया जा रहा था। 

नदी में उतर कर डीजीपी ने नापी गहराई
डीजीपी उस नदी पर भी पहुंचे, जहां से रोहित के शव को 29 मार्च को निकाला गया था। उन्होंने नदी में खुद उतर कर उसकी गहराई नापी। साथ ही आसपास के लोगों से मामले की जानकारी ली। इसके साथ ही मृतक के परिजनों से बातचीत की। उन्होंने मृतक के परिजनों को विश्वास दिलाया कि उनके साथ न्याय होगा।

डीजीपी ने कांड से जुड़े सभी पहलुओं की जांच करते हुए एसपी मनोज कुमार तिवारी को कई आवश्यक निर्देश दिए। जांच के बाद उन्होंने स्थानीय लोगों, मृतक के माता-पिता का बयान रिकॉर्ड किया। उन्होंने कहा कि रोहित जायसवाल की हत्या की गई है या डूब कर मरा है, यह जांच का विषय है। पुलिस इसपर जांच कर रही है।

परिजन को गाली देने वाले थानाध्यक्ष को किया सस्पेंड
हालांकि उन्होंने सोशल मीडिया पर प्रचारित की जा रही कहानी को मनगंठत बताया। इसके साथ ही रोहित जयसवाल के परिजनों को गाली देने वाले कटेया थानाध्यक्ष अश्विनी तिवारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। परिवार को गाली देने के मामले में डीजीपी ने मृतक के परिजनों से बातचीत की तो पता चला कि थानाध्यक्ष द्वारा गाली-गलौज किया गया था। इसके बाद इसे गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया। एसपी मनोज कुमार तिवारी ने बताया कि जांच के दौरान यह पाया गया कि थानाध्यक्ष ने पीड़ित परिवार के साथ गाली गलौज किया था।