सार
बिहार विधानसभा के मौजूदा सत्र में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा से बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था पर विपक्ष ने सवाल पूछा। सवाल के जवाब में जब मंत्री जी को कोई ठोस जवाब नहीं मिला तो उन्होंने एक शायरी पढ़कर खुद को बचाया। इससे सदन का माहौल शायराना हो गया।
पटना। बिहार विधानसभा में चल रहे सत्र में शिक्षा की बदहाली से जुड़ा सवाल पूछने पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को जब जवाब नहीं सुझा तो उन्होंने शायरी का सहारा लेकर विपक्ष के तीरों से खुद को बचाया। उनके इस अंदाज से पार्टी के नेता और विपक्ष के सदस्य भी मुरीद हो गए। दरअसल, सदन में जब शिक्षा मंत्री से सूबे में शिक्षा की बदहाल स्थिति पर प्रश्नकाल के दौरान विपक्षी नेता उनपर सवालों के तीखे तीर दाग रहे थे। सवालों को सुनकर जब शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा को जवाब नहीं मिले तो उन्होंने शायरी पढ़ दी। मंत्री जी ने अपने शायरी से न केवल विरोध के सवालों की तल्खी को कम किया बल्कि पार्टी नेताओं से भी वाह-वाही लूटी।
शायरी की बदौलत बच निकले मंत्री जी
सूबे में बदहाल स्कूली शिक्षा और व्यवस्था को लेकर विपक्ष लगातार नेता पर हमले बोल रहा था। मामला गंभीर होता देखा सदन में मंत्री जी ने शायरी बोल दी। उनकी शायरी बोलने भर की देर थी और पूरा सदन ठहाकों से गूंज उठा और मंत्री जी विपक्ष के सवालों के चक्रव्यूह से बच निकले। बिहार की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था पर विपक्ष की ओर से उठाए गए सवालों पर शिक्षा मंत्री ने शायरी पढ़ते हुए कहा तुम मुखातिब भी हो, करीब भी हो, तुमको देखें कि तुमसे बात करें..।
सवाल का जवाब तो देना चाहिए थाः राजद
शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा की शायरी पर कांग्रेस विधायक अवधेश सिंह ने कहा कि मंत्री जी कई सवालों में फंस जाते हैं। जवाब नहीं देते हैं। सवाल पूछने पर हम लोगों भी मंत्री जी के शायरी का इंतजार करते रहते हैं।
आरजेडी विधायक शक्ति सिंह यादव कहते हैं कि इस वक्त जब चुनावी साल है और विरोधी दलों में माहौल लगातार गरमा-गरमी वाला है, ऐसे में मंत्री जी की शायरी से माहौल कुछ हल्का हो जाता है। लेकिन मंत्री जी को सवाल का जवाब तो देना ही चाहिए।