सार
बिहार में फिछले पांच दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से प्रदेश में बाढ़ जैसे हालत जस के तस बने हुए हैं। लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब तो यहां आलम ये हो गया कि लाखों लोग खाने और पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
पटना. जब लोग परेशानी में फंस जाते हैं तो वह अक्सर यही बोलते हैं कि जग रुठे, लेकिन ईश्वर न रूठे' लेकिन बिहार में जिस तरह के हालत पैदा हो गए हैं उनको देखकर ऐसा लग रहा कि मानो यहां कि जनता से भगवान रुठ गए हैं। प्रदेश में फिछले पांच दिनों से जारी भारी बारिश की वजह से बाढ़ जैसे हालत जस के तस बने हुए हैं। लोगों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब तो यहां आलम ये हो गया कि लाखों लोग खाने और पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं।
80 घंटे से बिजली गुल
बाढ़ की वजह से राजधानी पटना के राजेंद्रनगर में हालत सबसे खराब हैं। यहां की सड़के नदियों में तब्दील हो चुकी हैं। जगह-जगह पानी ही पानी नजर आ रहा है। सैकड़ों लोग छतों पर रात गुजारने के लिए मजबूर हैं, उन्हें ना तो साफ पानी मिल रहा है और ना ही वह घरों में खाना बना पा रहे हैं। पानी भरने से यहां के कई इलाकों की बिजली पिछले 80 से 90 घंटे से गुल है। ज्यादातर लोग अंधरे में रहने को मजबूर हैं।
दुकाने बंद, घर का राशन खत्म
बाढ़ की वजह से बिहार के कई जिलों में मौसम विभाग ने रेड अलर्ट घोषित कर दिया हैं। भारी बारिश की वजह से यहां के कई बाजार पूरी तरह से पिछले चार-पांच दिन से बंद हैं। व्यापारियों का लाखों का नुकसान हो गया है। रोज का सामने खरीदने वाले छोटे वर्ग के लोगों का राशान पूरी तरह से खत्म हो चुका है। उनके छोटे-छोटे बच्चे भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। लेकिन सरकार और प्रशासर कुछ खास इंतजाम नहीं कर रही है। प्रदेश में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 40 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं, वहीं हजारों लोग बीमार हैं।