सार
स्थानीय स्तर पर अधिकारियों के घालमेल से गैंस एजेंसी संचालक उज्ज्वला योजना में सेंधमारी कर रहे हैं। इसका एक उदाहरण बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है।
मुजफ्फरपुर। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की गिनती नरेंद्र मोदी सरकार की सफलतम योजनाओं में होती है। इस योजना के जरिए देश के करोड़ों गरीब परिवार को गैस कनेक्शन, सिलेंडर-चूल्हा व अन्य सामान दिए गए। लेकिन कोरोना से बचाव के लिए जारी बंदी के बीच इस सफलतम योजना का बंटाधार करने का एक मामला बिहार के मुजफ्फरपुर जिले से सामने आया है।
न्यूज18बिहार के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को तीन महीने तक मुफ्त गैस सिंलेडर दिए जाने की घोषणा केंद्र सरकार ने बीते दिनों की थी। घोषणा के बाद लोग फ्री गैस पाने का दवाब बनाने लगे, साथ ही नए कनेक्शन के लिए भी आवेदन बढ़े। फ्री के गैस सिलेंडर के लिए लाभार्थियों को चार साल पुराने डेट का गैस कार्ड दिया जा रहा है। साथ ही मुजफ्फरपुर के लाभार्थियों को गैस लाने के लिए मोतिहारी के गैस वितरक के पास भेजा जा रहा है।
मीनापुर के टेंगरारी के 500 लाभार्थी परेशान
कनेक्शन देने के नाम पर दोगुनी राशि भी वसूल की जा रही है। मामले का खुलासा मीनापुर के टेंगरारी निवासी किरण देवी के गैस कनेक्शन के लिए दिए गए आवेदन के बाद हुआ। किरण के साथ-साथ टेंगरारी के 500 से अधिक लाभुको को 2016, 2018 का कार्ड दे दिया गया।
कई लाभार्थियों को अबतक गैस सिलेंडर व चूल्हा तक नहीं मिला है। जिन लाभार्थियों को सिलेंडर व चूल्हा मिला उन्हें गैस लाने के लिए 15 किलोमीटर दूर दूसरे जिले में जाना पड़ता है। पीड़िता लाभार्थियों ने आरोप लगाया कि उज्ज्वला योजना की पात्रता रखने वाले गरीब लोगों को भी दूसरी कैटगरी के तरह गैस का कनेक्शन दे दिया गया।
लाभ नहीं मिलने से वंचितों में रोष
लाभार्थियों ने मीडिया से कहा, एक निजी एजेंसी से सर्वे कराने के बाद गांव के लोगों से आवेदन लिया गया था। हालांकि आवेदन देने समय गांव के अधिकांश असाक्षर लोगों को कनेक्शन की पूरी जानकारी नहीं दी गई थी। अब गांव के लोगों को गैस लाने के लिए 15 किलोमीटर दूर दूसरे जिले में जाना पड़ता है। एजेंसी द्वारा होम डिलेवरी की सुविधा नहीं दी गई है। साथ ही लोगों को उज्ज्वला योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। वंचित लाभार्थियों में इस बात को लेकर नाराजगी है।