सार
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन में बिहार में भी पुलिस व मेडिकल टीम पर हमला किया जा रहा है। कोरोना वॉरियर्स पर हो रहे हमलों से बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे बेहद नाराज हैं।
मोतिहारी और औरंगाबाद में पुलिस पर किया था हमला
बुधवार को कोरोना के संदिग्धों की तलाश करने पहुंची पुलिस टीम पर बिहार के मोतिहारी और औरंगाबाद जिले में हमला किया गया था। मोतिहारी के हमले में बीडीओ सहित तीन जवान जख्मी हो गए थे। जबकि औरंगाबाद में पुलिस टीम हुए हमले में एसडीपीओ समेत 12 जवान जख्मी हुए थे। इससे पहले बिहार में लॉकडाउन पालन और कोरोना के संदिग्धों की तलाश में जुटी पुलिस पर हमला की घटना मुंगेर और मधुबनी से सामने आ चुकी है। लगातार बढ़ रहे ऐसी घटनाओं को देखते हुए बिहार पुलिस के मुखिया काफी नाराज है।
एपीडेमिक एक्ट के तहत होगी कार्रवाई
कोरोना से जंग में सरकारी कर्मियों के काम में बाधा डालने वाले लोगों पर एपीडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। कोरोना फैलने के साथ ही भारत सरकार ने 123 वर्ष पुराने कानून को संशोधित करते हुए इसके सेक्शन 2 को लागू को करने का फैसला लिया। महामारी के संबंध में सरकारी आदेश न मानना अपराध होगा और इस अपराध के लिए भारतीय दंड संहिता यानि इंडियन पैनल कोड की धारा 188 के तहत सजा मिल सकती है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति कोरोना वॉरियर्स के साथ मार-पीट अथवा उनपर हमला करता है तो उन्हें 2 साल तक जेल के साथ-साथ जुर्माना की सजा मिल सकती है।