सार

बिहार के मधेपुरा में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां अतिक्रमण की जमीन पर विराजे हनुमानजी को विस्थापित कर दिया गया। यही नहीं, हनुमानजी की प्रतिमा को अब जेल में पहुंचा दिया गया है। पढ़ें दिलचस्प मामला...
 

मधेपुरा(बिहार). यह दिलचस्प मामला भक्तों की गलती से जुड़ा है। भक्तों की गलती के खामियाजा हनुमानजी को भुगतना पड़ा गया। उन्हें अपनी जगह से उठाकर जेल पहुंचा दिया गया। पीपल के पेड़ के नीचे विराजे हनुमानजी को मधेपुरा अंचल अधिकारी यानी CO की गाड़ी में रखकर कड़ी सुरक्षा में मंडल कारा(जेल) में पहुंचा दिया गया। अब हनुमानजी वहीं रहेंगे।

यह है पूरा मामला...
मधपुरा में जिस जगह पर पीपल के पेड़ के नीच हनुमानजी विराजे गए थे, वो व्यस्त मार्ग है। यहां से कलेक्टर और एसपी बंगले की ओर भी रास्ता जाता है। तमाम सरकारी दफ्तरों का रास्ता भी यहीं से गुजरता है। कुछ दिन पहले से ही यहां से अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू हुई है। हनुमानजी वाली जगह भी अतिक्रमण का हिस्सा थी। बताते हैं कि कुछ भक्तों ने अपने स्वार्थ के लिए यहां हनुमानजी की मूर्ति स्थापित कर दी थी। वे इस जमीन पर अतिक्रमण करने की मंशा रखते थे। वे यहां मंदिर बनाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन प्रशासन ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। हनुमानजी की मूर्ति को जेल में बने मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। CO ने कहा कि हनुमानजी की मूर्ति को साफ-सुथरे और सुरक्षित जगह पर स्थापित कर दिया गया है। वहां अब सही तरीके से पूजा-पाठ होगी।