सार

लालू ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें नीतीश कुमार एक सड़क का उद्घाटन करने जा रहे हैं और पानी के दबाव के चलते सड़क बह जाती है। नीतीश के हाथ में कैंची है और वे फीता को पकड़कर लटके हैं। उनका चश्मा नदी में गिर गया है। कार्टून में यह दिखाया गया है कि दूसरे छोर पर सुशील मोदी पिलर पर बैठे हैं।

पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में सभी दल जुट गए हैं। मौका मिलने पर कोई किसी पर कमेंट्स करने से पीछे नहीं छोड़ रहा है। वहीं, आज राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने कार्टून बनाकर एक ट्टीट किया है। जिसके माध्यम से सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी पर हमला बोला है। लिखा है कि "छप्पर पर फूस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच"। 

ऐसे बनाया है कार्टून
लालू ने ट्विटर पर एक तस्वीर पोस्ट की है, जिसमें नीतीश कुमार एक सड़क का उद्घाटन करने जा रहे हैं और पानी के दबाव के चलते सड़क बह जाती है। नीतीश के हाथ में कैंची है और वे फीता को पकड़कर लटके हैं। उनका चश्मा नदी में गिर गया है। कार्टून में यह दिखाया गया है कि दूसरे छोर पर सुशील मोदी पिलर पर बैठे हैं। वे नीतीश को कह रहे हैं कि फीता को कस कर पकड़ के रखियेगा। तब तक इसका भी इल्जाम लालू पर लगाने का इंतजाम करते हैं।

 

क्या है लालू के कहावत का मतलब

लालू प्रसाद यादव के कार्टून के साथ लिखा है कि"छप्पर पर फूस नहीं, ड्योढ़ी पर नाच"। बता दें कि ये कहावत बिहार में प्रचलित है। इसका मतलब यह है कि घर में कुछ है नहीं और लोगों को दिखाने में लगे हैं। घर की स्थिति ऐसी है कि छत भी नहीं है और लोगों को दिखाने के लिए दरवाजे पर नाच का आयोजन कर रहे हैं। राजनीति के एंगल से इस कहावत का मतलब यह हुआ कि सरकार के पास कुछ है नहीं और जनता को दिखाने में लगी है कि सबकुछ बहुत अच्छा चल रहा है।

लालू ने किया इसलिए ऐसा
दो दिन पहले नीतीश कुमार को गोपालगंज के बंगराघाट पुल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन करना था। उद्घाटन के एक दिन पहले देर रात एप्रोच रोड बाढ़ में बह गई। करीब 50 मीटर सड़क टूट गई जिसे आनन-फानन में ठीक किया गया था। उद्घाटन के करीब आधे घंटे पहले मरम्मत पूरी हुई थी। कुछ दिनों पहले भी गोपालगंज में गंडक नदी के दबाव के चलते एक अप्रोच रोड बह गई थी। इसको लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमला कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि सड़क और पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार हो रहा है।