सार
चारा घोटाला में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव की रिहाई की मांग फिर से तेज हुई है। भाकपा-माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित सात राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर लालू समेत सीएए विरोध के आंदोलन में जुटे नेताओं की रिहाई की मांग की है।
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव इन दिनों चारा घोटाला में रांची में जेल की सजा काट रहे हैं। तबियत खराब होने के कारण उनका इलाज रिम्स में किया जा रहा है। इस बीच उनकी रिहाई की मांग एक बार फिर तेज हुई है। सात राजनीतिक दलों ने लालू प्रसाद समेत अन्य सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। भाकपा-माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने भी लालू की उम्र का हवाला देते हुए रिहाई की मांग की है।
सीएए विरोधी नेताओं की रिहाई की भी मांग
दीपांकर का कहना है कि लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के जूझ रहे मौजूदा वक्त में दुनिया भर में जेलों को खाली करने की बात हो रही है। हमारे यहां जिन राजनीतिक-सामाजिक हस्तियों की उम्र 70 के करीब है, उन्हें जेल से रिहा किया जाना चाहिए।
लालू के साथ-साथ दीपांकर भट्टाचार्य ने सीएए विरोध आंदोलन में शामिल नेताओं की रिहाई की मांग भी की है। राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में उन्होंने लालू प्रसाद यादव, महबूबा मुफ्ती, सुधा भारद्वाज, वरवर राव, आनन्द तेलुतंबड़े जैसे लोगों की रिहाई की मांग की है।
पहले भी उठ चुकी है लालू की रिहाई की मांग
इन लोगों की रिहाई की मांग करने में दीपांकर भट्टाचार्य की पार्टी के साथ-साथ राष्ट्रीय जनता दल, सीपीआई, सीपीआईएम सहित सात राजनीतिक दलों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ज्ञापन में कहा गया है कि जिन लोगों को जेल में होना चाहिए वो बाहर में छुट्टे घूम रहे हैं जबकि दूसरी ओर सफूरा जरगर जैसी गर्भवती महिला को जेल में बंद किया गया है।