सार

कृष्णा बम के नाम से फेमस ये टीचर ने 108 किमी दौड़कर 13 घंटे में सुल्तानपुर से देवघर की यात्रा की थी।  कोरोना काल में वो दो साल यात्रा नहीं कर पाईं थी। अब 2022 में उन्होंने फिर से अपनी यात्रा शुरू कर दी है। 

पटना. सावन के महीने की शुरुआत हो गई है। सावन के महीने में लोग कावंड यात्रा निकालकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए लिए पैदल देवघर पहुंचते हैं। बाबा बैद्यनाथ में सावन में कावंड यात्रा के जरिए जलाभिषेक किया जाता है। ऐसे में हम आपको एक ऐसी महिला टीचर के बारे में बता रहे हैं जो हर साल सवान के महीने में बाबा बैद्यनाथ पहुंचती है। बिहार और झारखंड के लोग उन्हें देवी की तरह मानते हैं। सोशल मीडिया में भी इनकी कई फोटो वायरल हो चुकी हैं। कृष्णा बम के नाम से फेमस ये टीचर ने 108 किमी दौड़कर 13 घंटे में सुल्तानपुर से देवघर की यात्रा की थी। 

1982 से लगातार 2019 तक सावन के हर सोमवार को वह सुल्तानगंज से दौड़ कर जलाभिषेक करने देवघर बाबा मंदिर पहुंचती थी। कोरोना काल के कारण दो सालों तक वह अपनी यात्रा नहीं कर पाईं। एक बार फिर से उन्होंने अपनी यात्रा शुरू की है। अब लोग उन्हें मां कृष्णा बम के नाम से जानने लगे हैं। बता दें कि कावंड़ यात्रा करने वाले बोल बम के नारे लगाते हैं। कृष्णा बम के नाम से 13 घंटे में 108 किलो मीटर दौड़कर उन्होंने बाबा बैद्यनाथ के जलाभिषेक का रिकॉर्ड बनाया था। कृष्णा बम 68 साल की हैं। वो इस उम्र में भी कावंड यात्रा कर रही हैं। 

मिलती है कड़ी सुरक्षा 
वे सावन के हर सोमवार को सुल्तानगंज से 'डाक बम' के रूप में देवघर पहुंचती हैं और बाबा वैद्यनाथ का जलाभिषेक करती हैं। बता दें कि डाक बम उसे कहा जाता है जो गंगाजल लेकर लगातार चलते या दौड़ते हुए 24 घंटे के अंदर सुल्तानगंज से देवघर 108 किलोमीटर की दूरी तय कर पहुंचता है। जब वे सावन के महीने में देवघर के लिए निकलती हैं तो उन्हें देखने और उनसे आर्शीवाद लेने के लिए रास्ते में हजारों लोग लाइन में लगे रहते हैं। इनकी यात्रा के दौरान पुलिस का कड़ा पहरा भी रहता है।

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