सार

 ' नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते।

पटना. चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास मॉडल पर सवाल खड़ा किया और उन पर सैद्धांतिक विचारधारा से समझौता कर भाजपा के साथ गठबंधन में रहने की बात पर कटाक्ष भी किया।

जो गांधी के साथ खड़े होने की बात हैं वो गोडसे के साथ कैसे खडे रह सकते हैं

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ आवाज उठाने वाले किशोर ने कहा कि कुमार को यह बताना चाहिए कि वह महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे के साथ एक साथ कैसे खड़े रह सकते हैं। उन्होंने कहा, ' नीतीश जी हमेशा कहते हैं कि वह गांधी, जेपी और लोहिया के आदर्शों को नहीं छोड़ सकते। फिर वह उन लोगों के साथ कैसे रह सकते हैं जो कि गोडसे की विचारधारा का समर्थन करते हैं। दोनों एक साथ नहीं चल सकते। अगर आप भाजपा के साथ खड़े रहना चाहते हैं, तो मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन आप दोनों तरफ तो नहीं रह सकते।'

नीतीश के अपने विचार हैं और मेरे अपने- प्रशांत किशोर

किशोर ने कहा ‘‘ इस मुद्दे पर मेरे और नीतीश जी के बीच काफी चर्चा हुई है। उनके अपने विचार हैं जबकि मेरे अपने। मेरे और मुख्यमंत्री के बीच इस बात को लेकर मतभेद हैं कि गांधी और गोडसे के विचार एक साथ खड़े नहीं हो सकते। दल का नेता होने के नाते आपको यह बताना होगा कि आप किस तरफ हैं। ’’ नीतीश की शासन प्रणाली पर सीधा निशाना साधते हुए किशोर ने कहा कि 2005 में बिहार सबसे गरीब राज्य था और अब भी है।

उन्होंने कहा, ' बिहार में पिछले 15 वर्षों में विकास हुआ है लेकिन इसकी गति वैसी नहीं है जैसी होनी चाहिए।'

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)