सार
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर राजनीति में एंट्री करने वाले हैं। उन्होंने इसका ऐलान तो नहीं किया, लेकिन बिहार में बदलाव के लिए तीन हजार किमी की पदयात्रा की घोषणा की। उन्होंने गुरुवार को एक पत्रकार वार्ता में अपनी आगे की प्लानिंग बताई।ोंने
पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने लालू और नीतीश के 30 साल के शासन में बदलाव की जरूरत की बात कही। उन्होंने राजनीति में आने के संकेत देते हुए कहा कि बिहार को नई सोच और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने अपने अगले प्लान के बारे में बताते हुए कहा कि वे अगले 3-4 महीनों में बिहार के करीब 17 हजार लोगों से बातचीत करेंगे। इस दौरान वे चंपारण से तीन हजार किमी की पैदल यात्रा शुरू करेंगे।
राजनीतिक पार्टी का ऐलान नहीं
प्रशांत किशोर ने राजनीतिक पार्टी का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन कहा कि लोगों से बातचीत में बिहार में नई सोच और प्रयासों का बहुमत आता है और लगता है कि किसी राजनीतिक पार्टी की जरूरत है तो उसका ऐलान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह प्रशांत किशोर की पार्टी नहीं होगी। प्रशांत ने अभी किसी मंच या फिर पार्टी होने की बात से इंकार किया।
जन सुराज के नाम से बना सकते हैं पार्टी
बिहार में बदलाव की बात कहकर प्रशांत किशोर ने एक बात तो साफ कर दी है कि वे अब नीतीश कुमार के साथ काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने लालू का भी नाम लिया है। इससे साफ है कि फिलहाल प्रशांत किशोर किसी पार्टी में जाने की बजाय खुद के लिए कुछ नया करने के मूड में हैं। पिछले दिनों उन्होंने जन सुराज के जरिये जनता से जुड़ने की बात कही थी। उनके इस ट्वीट के बाद से अंदाजा लगाया जा रहा है कि पीके जन सुराज के नाम से अपनी नई पार्टी बना सकते हैं।