सार
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सीबीआई से जांच करवाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वागत किया है। डीजीपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिहार के हर घर में खुशी का माहौल है क्योंकि सुशांत सिंह बिहार के बेटे थे
पटना(Uttar Pradesh). सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में सीबीआई से जांच करवाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने स्वागत किया है। डीजीपी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बिहार के हर घर में खुशी का माहौल है क्योंकि सुशांत सिंह बिहार के बेटे थे। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने यह भी कहा कि इस फैसले से यह साबित हो गया है कि सच की आखिर में जीत होती है। अब लोगों के अंदर उम्मीद बनी है कि अब सुशांत केस की सच्चाई सामने आएगी। यह पूरे देश के लिए बहुत बड़ी खबर है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिप्पणी पर डीजीपी ने रिया चक्रवर्ती को सख्त जवाब दिया है।
डीजीपी ने कहा कि बिहार के सीएम पर कमेंट करने की हैसियत रिया चक्रवर्ती की नहीं है। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सपोर्ट के कारण ही सुशांत केस में न्याय मिलने की उम्मीद बनी है। मैं इस बात को दोहरा रहा हूं कि रिया चक्रवर्ती की हैसियत नहीं है कि वो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर टिप्पणी करे।
रिया ने कहा था- इस मामले में एक राज्य के मुख्यमंत्री इंटरेस्ट ले रहे
रिया चक्रवर्ती ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में इस प्रकरण को बिहार चुनाव से जोड़ते हुए कहा था कि इस मामले में एक राज्य के मुख्यमंत्री इंट्रेस्ट ले रहे हैं। रिया ने हलफनामे में लिखा था कि 'मेरे खिलाफ मीडिया ट्रायल चल रहा है। पिछले कुछ समय में दूसरे अभिनेताओं ने भी आत्महत्या की। लेकिन सुशांत के केस को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। इसकी वजह बिहार चुनाव है। बिहार के मुख्यमंत्री ने खुद एफआईआर दर्ज होने में दिलचस्पी दिखाई।' इसी मामले में डीजीपी ने ये रिया चक्रवर्ती पर सख्त टिप्पणी की है।
कई लोगों को सता रहा पोल खुल जाने का डर
डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि यह बहुत हाई प्रोफाइल केस है। कई लोगों को पोल खुल जाने का डर सता रहा है। ऐसे में सीबीआई की जांच में सबकुछ सच सामने आएगा। गौरतलब है कि पटना के राजीव नगर थाना में ही सुशांत सिंह राजपूत का मामला पटना पुलिस ने दर्ज किया था और उसी के बाद चार सदस्यीय टीम मुंबई पहुंची थी। लेकिन वहां मुंबई पुलिस ने सपोर्ट नहीं किया जिसके बाद बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।