सार
यहां के लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य जिसने भी करवाने के बारे में सोचा उसके साथ अनहोनी घटना हो जाती है। गांव में अकाल पड़ गया। प्रतिमा एक नीम के पेड़ के नीचे है।
सीवान. बिहार के सीवान जिले में एक मंदिर है। इस मंदिर को लेकर लोगों में कई तरह की मान्यताएं हैं। इससे जुड़े कई रहस्य भी हैं। वर्षों से यहां मंदिर की मूर्ती खुले आसमान के नीचे रहती है। यहां मंदिर का निर्माण कार्य आज भी अधूरा है। ये मामला है जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड के खेड़वा का। यहां काली माता का एक प्राचीन मंदिर है। हर साल यहां नागपंचमी के दिन विशेष आयोजन होते हैं।
हो जाती है अनहोनी घटना
यहां के लोगों का कहना है कि इस मंदिर का निर्माण कार्य जिसने भी करवाने के बारे में सोचा उसके घर में किसी ना किसी तरह की अनहोनी घटना हो जाती है। लोगों का मामना है कि ऐसा इसलिए होता है कि यहां देवी खुले में रहना चाहती हैं और वो मंदिर के अंदर नहीं जाना चाहती हैं। इसलिए इस मंदिर का निर्माण कार्य कोई भी पूरा नहीं करवा पाया। प्रतिमा एक नीम के पेड़ के नीचे है। ऐसा कहा जाता है कि जब लोगों ने मंदिर के निर्माण कार्य शुरू किया तो यहां कई लोगों की तबियत खराब हो गई और गांव में अकाल पड़ गया।
मनोकामना होती है पूरी
यहां के लोगों की मान्यता है कि यहां अगर सच्चे मन से कोई भी मन्नत मांगी जाती है तो वो जरूर पूरी होती है। इस मंदिर में पूजा करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। देवी की पूजा करने को लेकर यहां लोगों में अच्छी श्रद्धा है। बता दें कि नागपंचमी के मौके पर विशेष आयोजन होते हैं।
राजा को दिया था दर्शन
लोगों की मान्यता है कि देवी की प्रतिमा कमाख्या मंदिर से चल कर आई थी। ऐसी कथा प्रचलित है कि राजा ने एक बार एक संत को देवी को बुलाने के लिए कहा था- उसके बाद देवी साधु के मस्तक में आकर राजा को दर्शन दिए थे और फिर यहीं पर विराजमान हो गईं।
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