सार
प्रसव के समय होने वाले दर्द को दुनिया की सबसे बड़ी तकलीफदेह पीड़ा कहा जाता है। सुरक्षित प्रसव के लिए कई तरह की सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाती है। लेकिन कई बार सही समय पर प्रसूता को अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं होता है।
बक्सर। प्रसव के समय होने वाले दर्द को दुनिया की सबसे बड़ी तकलीफदेह पीड़ा कहा जाता है। सुरक्षित प्रसव के लिए कई तरह की सुरक्षात्मक व्यवस्था की जाती है। हॉस्पिटलों में डॉक्टर, नर्स समेत सुरक्षित प्रसव की एक पूरी टीम होती है। लेकिन कई बार प्रसूता को समय पर अस्पताल पहुंचाना संभव नहीं होता है। तब आस-पास मौजूद महिलाएं उपलब्ध संसाधन में प्रसव कराती है। ऐसा ही एक मामला पूर्वा एक्सप्रेस ट्रेन से सामने आया है। हावड़ा से नई दिल्ली जाने वाली इस ट्रेन में पश्चिम बंगाल के हिरदेश कुमार दुर्गापुर से कानपुर तक की यात्रा अपनी पत्नी के साथ जनरल बोगी में कर रहे थे। ट्रेन बक्सर पहुंचने वाली थी तभी हिरदेश की पत्नी को लेबर पेन शुरू हो गया।
सोनी देवी नामक महिला यात्री की बड़ी मदद
चलती ट्रेन में लेबर पेन से हिरदेश की पत्नी छटपटाने लगी। कोई और विकल्प नहीं देख महिला यात्रियों ने कपड़ों का घेरा कर महिला का सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया। जिसके बाद पूरी बोगी में खुशी की लहर दौड़ गई। बताया जाता है कि इस डिलेवरी में उसी ट्रेन में यात्रा कर रही सोनी देवी नामक महिला यात्री ने बड़ी मदद की। महिला को लेबर पेन होने की जानकारी रेल प्रशासन को दी गई। जिससे ट्रेन के बक्सर पहुंचते ही रेल की मेडिकल टीम मुस्तैद थी।
बक्सर सदर अस्पताल में कराया गया भर्ती
बक्सर में जच्चा-बच्चा को जरूरी जांच के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। स्टेशन पर मौजूद डॉक्टर राजेश कुमार ने बताया कि जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ है। हिरतेश ने बताया कि उन्हें पहले से चार बेटियां हैं। अब जुड़वा बेटों के जन्म से वो काफी खुश है। ट्रेन में सुरक्षित प्रसव कराने वाली महिलाएं की सभी यात्री तारीफ करते दिखे। लोगों ने कहा कि महिला यात्री इस परिवार के लिए फरिश्ता बन कर आई। हिरदेश और उनकी पत्नी ने महिला यात्रियों को शुक्रिया कहा।