लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बीच सोनू सूद प्रवासियों के लिए मसीहा बन गए हैं। उनकी मदद का सिलसिला अभी तक रुका नहीं है। वो ट्विटर पर अब भी लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में उन्होंने ऐलान किया था कि वो किर्गिस्तान में फंसे ढाई हजार भारतीय स्टूडेंट्स को वापस लेकर आएंगे।

मुंबई. लॉकडाउन और कोरोना वायरस के बीच सोनू सूद प्रवासियों के लिए मसीहा बन गए हैं। उनकी मदद का सिलसिला अभी तक रुका नहीं है। वो ट्विटर पर अब भी लगातार जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। इसके अलावा हाल ही में उन्होंने ऐलान किया था कि वो किर्गिस्तान में फंसे ढाई हजार भारतीय स्टूडेंट्स को वापस लेकर आएंगे। सोशल मीडिया पर अब उनकी एक पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें उन्होंने एक किसान की मदद करने का दावा किया है। दरअसल, इस शख्स ने अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपनी गाय बेच दी। ताकि वो स्मार्टफोन से घर बैठे ऑनलाइन पढ़ाई कर सके। 

शख्स को मजबूरी में बेचनी पड़ी गाय

दरअसल, कोरोना पेनडेमिक के बीच सभी स्कूल और कॉलेज बंद हैं और स्टूडेंट्स की पढ़ाई घर बैठे ही ऑनलाइन कराई जा रही है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश एक शख्स के बच्चे को ऑनलाइन क्लासेस के लिए स्मार्टफोन की जरूरत थी, लेकिन आर्थिक तंगी से गुजर रहे व्यक्ति के पास बिल्कुल पैसे नहीं थे और मजबूरी में इस किसान को अपनी गाय को बेचना पड़ा था। सोनू सूद इस खबर से परेशान नजर आए और उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'चलो इस शख्स की गाय वापस दिलाते हैं, क्या कोई इस आदमी की डिटेल्स मुझे भेज सकता है?' सोनू का ये ट्वीट फैंस के बीच काफी वायरल हो रहा है। 

बता दें कि सोनू सूद कोरोना महामारी के बीच हर संभव मदद की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुंबई के जुहू स्थ‍ित होटल के दरवाजे भी मेड‍िकल वर्कर्स के लिए खोले थे। उन्होंने लॉकडाउन के समय में ट्रेन, एयरप्लेन, बस हर तरह से मजदूरों को घर पहुंचाने का काम किया है। वो मजदूरों को रोजगार दिलाने के लिए एक मोबाइल ऐप भी शुरू करने वाले हैं।

Scroll to load tweet…

लॉकडाउन में अपने अनुभवों को किताब की शक्ल देंगे सोनू

इसके पहले लॉकडाउन के दौरान सोनू ने अपने पिता शक्ति सागर सूद के नाम पर एक स्कीम लॉन्च की थी, जिसके तहत वो रोज 45 हजार लोगों को हर रोज खाना खिला रहे थे। वो मुंबई पुलिस के लिए भी मास्क का इंतजाम कर चुके हैं। सोनू ने इसके अलावा हाल ही में ऐलान किया था कि वो कोरोना काल के अपने अनुभवों को किताब की शक्ल भी देने जा रहे हैं, जिसमें वो जरूरतमंदों की मदद के दौरान आई चुनौतियों के बारे में लिखेंगे। ये किताब साल के अंत में पब्लिश हो सकती है।