सार
कोर्ट ने कंगना रनोट की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के मानहानि केस में पुनर्विचार याचिक की अर्जी दाखिल की थी। कंगना ने इस अर्जी में मांग की थी कि उनके खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया जाए। जावेद अख्तर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था क्योंकि उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जावेद अख्तर का नाम भी लिया था।
मुंबई. मुंबई की दिंडोशी कोर्ट से कंगना रनोट (Kangana Ranaut) को झटका लगा है। कोर्ट ने कंगना की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने राइटर जावेद अख्तर (Javed Akhtar) के मानहानि केस में पुनर्विचार याचिक की अर्जी दाखिल की थी। कंगना ने इस अर्जी में मांग की थी कि उनके खिलाफ चल रहे केस को रद्द कर दिया जाए। जावेद अख्तर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज किया था क्योंकि उन्होंने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में जावेद अख्तर का नाम भी लिया था।
कोर्ट ने कंगना को पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया था, जिसमें वो पेश नहीं हो सकीं तो उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया गया था। उन्होंने कोर्ट के इस फैसले को तो चुनौती दी ही थी। साथ ही उन्होंने इस केस को हिमाचल प्रदेश ट्रांसफर करने की मांग करते हुए भी एक याचिका दायर की थी। उन्होंने बाद में कोर्ट के सामने पेश होकर जब अपनी बात रखी तो कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी।
बता दें कि कंगना की केस ट्रांसफर वाली याचिका के खिलाफ जावेद अख्तर कोर्ट जा पहुंचे थे और उन्होंने कैविएट दायर की थी। जावेद अख्तर ने कैविएट के जरिए मांग की कि उनका पक्ष भी सुना जाना चाहिए। उनका कहना था कि अगर हिमाचल में केस ट्रांसफर हुआ तो इस मामले पर सही सुनवाई नहीं हो पाएगी।
कंगना पर देशद्रोह का भी केस
कंगना के खिलाफ मुंबई की अंधेरी कोर्ट में देशद्रोह का भी एक केस चल रहा है, जिसमें कंगना और उनकी बहन रंगोली दोनों को आरोपी बनाया गया है। इस केस में कंगना एक बार कोर्ट के सामने पेश हुई थीं लेकिन उसके बाद वो लगातार पेश होने से बचती रहीं। कोर्ट ने इस मामले में भी उनके खिलाफ पुलिस को जांच जारी रखने का आदेश दिया था। इस केस में भी कंगना को जमानत मिल गई थी। उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया था।