सार

लाल सिंह चड्ढा फॉरेस्ट गम्प की आधिकारिक रीमेक हैl मूल फिल्म में अमेरिका और वियतनाम के युध्द के दौरान के पैदा हुई परिस्थियां दर्शाई गई थी। वहीं इस मूवी में आमिर खान ने बड़ी ही चतुराई से पाक आंतकी से हमदर्दी जता दी है, जिसपर बवाल मच गया है।   

एंटरटेनमेंट डेस्क, #BoycottLaalSinghChaddha: आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा कमाई के मामले में पिछड़ती जा रही है, लोगों की अपेक्षा पर ये फिल्म खरी नहीं उतरी है। दरअसल मिस्टर परफेक्शनिस्ट ने हॉलीवुड की फिल्म फॉरेस्ट गम्प की नकल करते समय अपनी सुविधानुसार फिल्म का प्लॉट बदल दिया है, वहीं दर्शकों ने इसे बहुत जल्दी पकड़ भी लिया है।    

अमेरिका और वियतनाम युद्द को कारगिल युध्द से की तुलना

दरअसल लाल सिंह चड्ढा फॉरेस्ट गम्प की आधिकारिक रीमेक हैl मूल फिल्म में अमेरिका और वियतनाम के युध्द के दौरान के पैदा हुई परिस्थियां दर्शाई गई थी। यह फिल्म वियतनाम वॉर के दौरान चलाए गए ऑपरेशन मैकनामारा पर बेस्ड है, उस समय अमेरिका में सैनकों की कमी पड़ गई थी। इस वजह से अमेरिकन सेना ने मंदबुद्धि लोगों को सेना में भर्ती किया था। वहीं आमिर खान ने मूवी लाल सिंह चड्ढा में कारगिल युद्ध की पृष्ठभूमि दिखाई है। इस पर ही सवाल खड़े हो रहे हैं।

सेना में नहीं होती मंदबुद्धि युवकों की भर्ती

दरअसल भारत में कभी भी मंदबुद्धि युवकों की भर्ती नहीं की गई है, वहीं कारगिल जैसे युध्द में ऐसे डिसेबल युवक को लड़ने के लिए भेजे जाने पर आर्मी के रिटायर्ड सीनियर अधिकारियों ने सवाल उठाए हैं। वहीं आमिर खान का पाक प्रेम भी दर्शकों को खटक रहा है। बता दें कि कारगिल युध्द के दौरान भारतीय सेना पर हमला करने वाला एक धुसपैठिया आतंकी घायल हो जाता है, जिसे लाल सिंह चढ्डा मरने से बचा लेता है, बाद में ये दोनों दोस्त बन जाते हैं। फिर  बिजनेस में पार्टनर बन जाते हैं। मूल फिल्म फॉरेस्ट गम्प में मुख्य पात्र अपने सीनियर की जान बचाता है, वहीं इस फिल्म में  आमिर खान भारत में घुसे आतंकी की गोली लगने के बाद जान बचाते हैं। फिर आतंकी का ह्दय परिवर्तन हो जाता है। हालांकि रियल लाइफ में ऐसा होता नहीं है, ये बात दर्शकों को खटक रही है। 

सीनियर अधिकारियों ने जताई आपत्ति
लाल सिंह चड्ढा में मैकनामारा की जगह कारगिल युद्ध को दर्शाने पर  इस युध्द के समय सेनाध्यक्ष रहे जनरल वेद प्रकाश मालिक को आपत्ति है l वहीं लेफ्टिनेंट जनरल कंवलजीत सिंह ढिल्लों ने भी इस पर आपत्ति जताई है। जनरल वेद प्रकाश मालिक ने ट्विटर पर एक रिएक्शन देते हुए लिखा है, 'जो लोग हमारे स्पेशल फोर्सेज के जवानों को मैकनामारा बेवकूफों से तुलना कर रहे हैंl वह खुद बेवकूफ हैl'
 


वहीं लेफ्टिनेंट जनरल कमलजीत सिंह ढिल्लों ने लिखा, 'भारतीय सेना के स्पेशल फोर्सेज के जवान घातक व प्रोफेशनल बोर मशीन हैl मैं वेद मलिक जी की बात से 100% सहमत हूंl कोई भी समझदार व्यक्ति उन्हें किसी भी अन्य प्रकार से नहीं दर्शाएगाl मैं ऐसी कोई चीज नहीं देखूंगा जो उन्हें अलग दिखाती होl जय हिंदl'

 

 

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