सार

पुष्पा देखने के बाद लिया फिल्म को डब करने का फैसला, अल्लू अर्जुन और डायरेक्टर को सैंपल दिखाने के बाद ही डब की पूरी फिल्म: श्रेयस तलपडे

एंटरटेनमेंट डेस्क.  'पुष्पा पुष्पराज : मैं झुकेगा नहीं साला', पिछले साल के अंत में जब अल्लू अर्जुन स्टारर 'पुष्पा : द राइज' सिनेमाघरों में रिलीज हुई तो यह डायलॉग लोगों के मुंह पर चढ़ा खूब सुना गया था। अल्लू अर्जुन के किरदार को हिंदी में आवाज़ देने वाले श्रेयस तलपड़े इन दिनों भोपाल में अपकमिंग प्रोजेक्ट की शूटिंग कर रहे हैं। उन्होंने एशियानेट न्यूज के लिए आकाश खरे से 'पुष्पा' की सफलता, डबिंग एक्सपीरियंस, करियर और फ्यूचर प्लानिंग्स पर एक्सक्लूसिव बात की। पढ़िए पूरा इंटरव्यू...

Q. पुष्पा में वॉइस ओवर का चांस कैसे मिला?
A. मेरे लिए खुद यह ऑफर काफी सरप्राइजिंग था। इससे पहले मैंने लॉयन किंग डब की थी। उस वक्त जो मेरे डबिंग डायरेक्टर अबुल थे उन्हें लगा कि पुष्पा में अल्लू अर्जुन की आवाज के लिए मैं फिट रहूंगा। उन्होंने मुझे कॉल किया तो मैंने बोला कि पहले फिल्म देखूंगा फिर डिसाइड करूंगा। मैंने जब इसे देखा तो मुझे बड़ी पसंद आई। फिर मैंने अबुल जी से कहा कि मैं जब इसे हिंदी में डब करूंगा तो आप पहले उसे अल्लू जी और फिल्म के डायरेक्टर को सुनाएंगे क्योंकि मुझे यह जानना है कि उनका क्या रिएक्शन आएगा। हमने उन्हें वॉइस सैंपल भेजे और उन्होंने  शाम तक ओके कर दिया। बाकी जब मैं फिल्म को डब कर रहा था तो मैं यह सोच रहा था कि वहां अल्लू जी नहीं, मैं खुद हूं। फिर हमने कई चीजों पर काम किया और किस्मत से मेरा काम लोगों को काफी पसंद आ गया। मैंने अपने करियर में आज तब डबिंग के लिए किसी को ऐसा रिस्पॉन्स पाते हुए नहीं देखा है।

Q.पुष्पा में आपके काम के लिए आपके सबसे यादगार मैसेज किसका मिला?
A. कई लोगों ने तारीफ की। इंडस्ट्री से और पर्सनल लाइफ से कई लोगों के बड़े प्यारे मैसेज आए पर मेरे लिए सबसे खास था बच्चों का रिस्पॉन्स। जब बच्चों को आपका काम पसंद आ जाए तो समझ लीजिए कि आपने बेहतर काम कर दिया है। सोशल मीडिया पर जो पुष्पा को लेकर बच्चों के रील्स और वीडियोज की बाढ आई वो ही मेरे लिए सबसे बड़ा अवॉर्ड थी। तब मुझे यकीन हो गया कि यह कुछ ज्यादा ही बड़ा हो गया है।

Q.इस फिल्म के बाद वॉइस इंडस्ट्री से किस तरह के ऑफर्स आ रहे हैं?
A. कई तरह के ऑफर्स आ रहे हैं पर मेरा ज्यादा फोकस एक्टिंग पर रहा है। इसके अलावा मैं इतने जल्दी किसी और किरदार को आवाज देकर पुष्पा की एक्सक्लूसिविटी को कम नहीं करना चाहता।

Q.अल्लू अर्जुन से कभी बात या मुलाकात हुई?
A. अभी तक तो नहीं पर आगे जरूर करना चाहता हूं। पुष्पा में जो उन्होंने काम किया है उसके बाद से तो मैं उनका फैन बन गया हूं। खुशी इस बात की है कि उन्होंने अपने कुछ इंटरव्यूज में मेरी तारीफ की है।

Q.कोई ऐसा किरदार जिसको आवाज देने की इच्छा रखते हों?
A. ऐसा तो कोई सोचा नहीं पर हम सभी अमिताभ बच्चन साहब के बहुत बड़े फैन रहे हैं। तो मैं वॉइस के मामले में उनसे काफी इंस्पार्ड रहा हूं तो अगर मुझे उनके साथ या उनके लिए कोई एक्सक्लूसिव प्रोजेक्ट मिला तो मैं जरूर करना चाहूंगा। बाकी पुष्पा की डबिंग के दौरान एक और बंदे से मैं काफी इंस्पायर्ड किया और वो हैं शरद केलकर जिन्होंने बाहुबली जैसे किरदार की डबिंग की थी और इतनी अच्छी की थी कि आप भूल ही जाते हैं कि आप साउथ इंडियन फिल्म देख रहे हैं। तो जैसा शरद ने उस फिल्म में किया है मैं भी वैसा ही कुछ करना चाहता हूं।

Q.बतौर आउटसाइडर डीडी 1 के शोज से लेकर इकबाल तक का सफर कितना मुश्किल रहा?
A. यकीनन मुश्किल तो था। जब आपका नसीब और काम अच्छा हो तभी आपको हिंदी फिल्मों में काम करने का मौका मिलता है। थिएटर में हमें सिखाया जाता है कि जीवन में जब भी कोई मौका मिले उसे हाथ से मत जाने दो। वैसे ही मेरे जीवन में क्रिकेट की वजह से एक ऐसा मौका आया कि मैं एक्टर बन गया। हम मराठी थिएटर आर्टिस्ट्स साथ में क्रिकेट खेलते थे और वहीं से डायरेक्टर नागेश कुकुनूर ने मुझे अपनी फिल्म इकबाल के लिए चुना था। मुझे तो यह तक नहीं पता था कि फिल्म में मेरा लीड रोल है या छोटा। मैं तो बस चला गया और फिर आगे क्या हुआ ये आप सभी जानते हैं। तो उस दौर में तो यह पहला मौका मिलना काफी मुश्किल था पर अब तो काफी सारे प्लेटफॉर्म खुल गए हैं।

Q.उस दौरान स्ट्रगल कैसा रहा?
A. 95 के आस-पास मैंने कॉलेज पूरा कर लिया था। उसी के साथ मैं थिएटर भी कर रहा है। कुछ प्रोफेशनल शोज के जरिए कमाई भी कर रहा था। उस दौरान हमारा एक शो काफी चला और हमने उसके लगभग 1200 शोज किए। पर फिर एक वक्त आया जब मुझे लगा कि सालों से एक ही चीज कर रहा हूं तो मैंने एक ब्रेक लिया। फिर कुछ टीवी शोज में मौका मिला तो वहां से कमाई होना शुरू हुई पर वहां भी दो-तीन साल बाद चैनल वालों और मेकर्स को लगा कि मैं ओवर एक्सपोज हो गया हूं। अब उनको नए चेहरों की तलाश थी। तो जिस वक्त मुझे लग रहा था कि सब सही ट्रैक पर जा रहा है तो फिर से लाइफ में एक ब्रेक आ गया। उसके बाद मैंने फिल्मों में लक आजमाया और शुरुआत मराठी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल्स से की। पर बड़ा ब्रेक मिल ही नहीं रहा था और मेरी कमाई सारी एक्टिंग पर ही डिपेंडेंट थी। फिर जब इकबाल का ऑफर मिला तो उसी वक्त मेरी शादी भी फिक्स हो गई। मैं चाहता था कि थोड़ा सेटल हो जाऊं फिर शादी करूं पर ऐसा हुआ नहीं। मेरी वाइफ ने शादी के तुरंत बाद कमाना शुरू कर दिया था और मेरे करियर के ट्रैक पर आने तक वो ही मुझे सपोर्ट कर रही थी।

Q.क्या इकबाल के बाद इंडस्ट्री ने आपको उसी तरह असेप्ट किया जैसा आप चाहते थे?
A. जिस इंसान ने कभी सोचा ही नहीं था कि वो फिल्मों में काम करेगा, उसे बतौर लीड हीरो फिल्में मिले और अच्छे बैनर्स और डायरेक्टर्स के साथ काम करने का मौका मिले उसे और क्या चाहिए। मेरे लिए तो यह बोनस की तरह है। मैंने तो कभी हिंदी फिल्मों में काम करने के बारे में सोचा भी नहीं पर जो भी काम मिला मैं उसका शुक्रगुजार हूं।

Q.लगातार कॉमेडी फिल्मों के ही ऑफर आते रहे या आप खुद कॉमेडी पर ही फोकस करना चाहते थे?
A. मैंने इकबाल के तुरंत बाद डोर नाम की फिल्म की जो काफी सीरियस थी। हालांकि, उसमें मेरा रोल थोडा फनी था। उस दौरान डायरेक्टर्स को लगता था कि मैं कॉमेडी नहीं कर पाऊंगा पर तभी मुझे गोलमाल रिटर्न ऑफर हुई और फिर काफी कुछ बदल गया। उस वक्त मुझे कई सारी मल्टीस्टारर फिल्में ऑफर हुई और मैंने खुशी से की भीं क्योंकि तब वही ट्रेंड था। मुझे कुछ वक्त बाद समझ आया कि मैं कॉमेडी रोल्स में टाइपकास्ट हो गया और लोग यह भूल चुके हैं कि मैं सीरियस फिल्में भी करता हूं। अब जब हाल ही में कौन प्रवीण तांबे रिलीज हुई है तो लोगों को फिर से महसूस हुआ है कि मैं सीरियस रोल भी करता हूं।

Q.एक ऐसा रोल जिसे करने की आपकी इच्छा है?
A. हाल ही में मैंने जो प्रवीण तांबे की बायोपिक की है, वह रोल अपने आप में मेरे लिए ड्रीम रोल जैसा था। 20 से लेकर 40 की उम्र तक का एक किरदार निभाना मेरे लिए काफी चैलेंजिंग था और इसे करने में मुझे बड़ा मजा आया। बाकी जो मेरी 3 अपकमिंग फिल्मों में कोई भी कॉमेडी फिल्म नहीं है तो अब मुझे लगता है कि मेकर्स मेरे पास अच्छे और इंट्रेस्टिंग रोल्स लेकर आ रहे हैं।

Q.इन दिनों बॉलीवुड वर्सेज साउथ इंडियन सिनेमा पर काफी बहस चल रही है। क्या वजह मानते हैं कि बॉलीवुड के बड़े से बड़े स्टार्स इन दिनो फ्लॉप साबित हो रहे हैं?
A. फिल्म के हिट या फ्लॉप होने का कारण आज तक कोई समझ नहीं पाया। बाकी मैंने रोहित शेट्‌टी जैसे कमाल के डायरेक्टर्स के साथ काम किया है जो अगर किसी फिल्म का रीमेक भी बनाते हैं तो उसमें अपना कुछ एंगल जरूर डालते हैं। पब्लिक के बीच जाकर उनके रिएक्शंस को देखते हैं और रिसर्च करते हैं और फिर उसी हिसाब से फिल्म बनाते हैं। तो हो सकता है कि यह एक दौर है पर हमें अपनी गलतियां तो समझनी पड़ेंगी और उन्हें सुधारना पड़ेगा। क्या कमी आ रही है उसका पता लगाइए। साउथ की फिल्में क्यों हिट हो रही हैं वो समझिए और चीजें बेहतर कीजिए।

Q.47 की उम्र में भी इतना फिट कैसे हैं?
A. कम खाता हूं लेकिन सब खाता हूं। मैं टेंशन बिल्कुल नहीं लेता। ज्यादा सोचता नहीं हूं क्योंकि टेंशन लेने से कुछ होगा भी नहीं। बाकी अपने पापा और मम्मी को मैंने काफी अरसे तक एक ही डाइट और रुटीन में देखा है। तो मैं भी बस वही फॉलो करता हूं।

Q.करियर में अब तक यशराज और धर्मा जैसे बड़े प्रोड्क्शन हाउस से कोई ऑफर क्यों नहीं आया?
A. न मैंने कभी उन्हें अप्रोच किया न उन्होंने मुझे कभी कुछ ऑफर किया। हां, ये बड़े प्रोडक्शन हाउस जरूर हैं पर मुझे कभी लगा नहीं कि मैंने कुछ मिस किया है। मुझे न इसको लेकर कोई दुख है और न ही कोई शिकायत। मैंने अपने करियर में कई अच्छे लोगों के साथ काम किया है और उससे मैं संतुष्ट हूं बाकी अगर किस्मत में लिखा होगा तो जरूर साथ काम करेंगे।