सार
आपने जो सोना खरीदा है, वो कितना शुद्ध है, इसे लेकर टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। इसकी आप आसानी से जांच करा सकते हैं। 20 मार्च, 2022 तक देश में 1060 हॉलमार्किंग केंद्र(hallmarking center) कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे(Union Minister of State Ashwini Kumar Choubey) ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 23 जून, 2021 से देश के उन 256 जिलों में जहां कम से कम एक परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) अपलब्ध हैं।
नई दिल्ली. सोने की शुद्धता की जांच करवा पाना अब आसान हो गया है है। 20 मार्च, 2022 तक देश में 1060 हॉलमार्किंग केंद्र(hallmarking center) कार्य कर रहे हैं। केन्द्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे(Union Minister of State Ashwini Kumar Choubey) ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि 23 जून, 2021 से देश के उन 256 जिलों में जहां कम से कम एक परख एवं हॉलमार्किंग केंद्र (एएचसी) अपलब्ध हैं। सरकार ने 14, 18 और 22 कैरेट के सोने के आभूषणों / कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी है।
इसलिए जरूरी है हॉलमार्किंग
हॉलमार्क विशिष्ट पहचान (एचयूआईडी)-आधारित हॉलमार्किंग प्रणाली इसलिए शुरू की गई है, ताकि लोगों को प्योर गोल्ड मिल सके या बेईमानी से बचाया जा सके। इसके लिए एचयूआईडी के तहत, प्रत्येक सोने के आभूषण / कलाकृति पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के प्रतीक चिह्न (logo) और शुद्धता ग्रेड चिह्न के साथ-साथ छह अंकों का एक विशिष्ट अल्फ़ान्यूमेरिक कोड लगाया जाता है।
यह भी पढ़ें-अनिल अंबानी ने दिया रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के निदेशक पद से इस्तीफा
यह तरह हो रही मॉनिटरिंग
बीआईएस पंजीकृत जौहरियों (ज्वैलर्स) द्वारा बीआईएस हॉलमार्किंग योजना के आवश्यक नियमों-कानून का सही से पालन करें इसके लिए हॉलमार्किंग केंद्रों की नियमित ऑडिट और बीआईएस पंजीकृत जौहरियों (ज्वैलर्स) की निगरानी की व्यवस्था की गई है। पंजीकृत जौहरी से लिए गए बाजार के नमूनों का औचक परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों / कलाकृतियों की शुद्धता उनपर अंकित शुद्धता के अनुरूप हों। ऐसा न करने पर कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
Hallmarking Center Fee: इतना लगता है चार्ज
एएचसी प्राथमिकता के आधार पर उपभोक्ताओं के स्वर्ण आभूषणों का परीक्षण करेगा और जांच रिपोर्ट देगा। यदि उपभोक्ता अपने पास पड़े आभूषणों को बेचना चाहता है तो यह भी उपयोगी साबित होगी। सोने के आभूषणों में 4 वस्तुओं तक की जांच 200 रुपये तक, 5 या इससे अधिक वस्तुओं के लिए लागत 45 रुपये प्रति आभूषण है। इस संबंध में अधिक जानकारी बीआईएस की वेबसाइट www.bis.gov.in से ली जा सकती है।
क्या है गोल्ड हॉलमार्किंग और क्या है इसका फायदा
गोल्ड पर हॉलमार्किंग धातु की शुद्धता का सबूत है। सरकार की घोषणा से पहले ये प्रक्रिया अनिवार्य नहीं थी। लेकिन अब भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) ने यह व्यवस्था तैयार की है। सरकार का दावा है कि सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग से प्रोडक्ट पर भरोसा बढ़ेगा। इससे सोने के गहने खरीदते समय उपभोक्ताओं के साथ धोखा नहीं हो सकेगा। अनिवार्य हॉलमार्किंग से भारत को दुनिया में एक प्रमुख गोल्ड मार्कर सेंटर बनने में मदद मिलेगी।