सार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े करीब 4 लाख कर्मचारियों को पीएफ (PF) का ब्याज अब तक नहीं मिल सका है। बता दें कि सरकार ने करीब डेढ़ महीना पहले ही सभी सब्सक्राइबर्स के प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PF Account) में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज जमा करने की घोषणा की थी।
बिजनेस डेस्क। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) से जुड़े करीब 4 लाख कर्मचारियों को पीएफ (PF) का ब्याज अब तक नहीं मिल सका है। बता दें कि सरकार ने करीब डेढ़ महीना पहले ही सभी सब्सक्राइबर्स के प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PF Account) में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज जमा करने की घोषणा की थी। ब्याज का भुगतान 31 दिसंबर, 2020 तक होना था, लेकिन 8 से लेकर 10 फीसदी कर्मचारियों को ब्याज का भुगतान नहीं हो सका है। बताया जा रहा है कि ऐसा इन अकाउंट्स में केवाईसी (KYC) डेटा में गड़बड़ी की वजह से हुआ है। बता दें कि कर्मचारी भविष्य निधि में ब्याज को व्यक्तिगत आधार पर नहीं, बल्कि संस्थानों के आधार पर क्रेडिट किया जाता है।
लगा सवालिया निशान
बता दें कि केवाईसी (KYC) मामले में गड़बड़ी का मुद्दा अभी सामने आया है। इसके पहले ही वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देर से ब्याज क्रेडिट करने की वजह से ईपीएफओ (EPFO) पर सवालिया निशान लग चुका है। दरअसल, 2020 में कोरोनावायरस महामारी और लॉकडाउन में शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की वजह से फंड मैनेजर ने इक्विटी इन्वेस्टमेंट को बेचने में देर कर दी, जिसके जरिए ब्याज का भुगतान होना था।
एक गड़बड़ी की वजह से नहीं हो सका पेमेंट
एक मीडिया रिपोर्ट में सरकारी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि अगर इम्प्लॉयर द्वारा उपलब्ध कराए गए कुछ कर्मचारियों के केवाईसी डेटा में गड़बड़ी पाई जाती है, तो पूरे संस्थान के कर्मचारियों को ब्याज का भुगतान नहीं किया जा सकेगा। एक अनुमान के मुताबिक, 40 लाख ऐसे सब्सक्राइबर्स हैं, जिनके ईपीएफ अकाउंट में ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है।
श्रम मंत्रालय से नहीं आई जानकारी
श्रम मंत्रालय की ओर से इस संबंध में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। हालांकि, अधिकारियों की कोशिश है कि सब्सक्राइबर्स को विद्ड्रॉअल को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो। बता दें कि आपीएफओ में करीब 5 करोड़ एक्टिव सब्सक्राइबर्स हैं। वहीं, जानकारों का कहना है कि कुछ कर्मचारियों की केवाईसी गड़बड़ी की वजह से पूरे संस्थान के कर्मचारियों को ब्याज का भुगतान रोकना ईएफपीओ की व्यवस्था पर सवालिया निशान खड़ा करता है। ऐसा माना जाता है कि इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के मामले में ईपीएफओ की स्थिति अच्छी है।