सार
बढ़ती महंगाई और गिरती विकास दर को देखते हुए अब मंदी की आहट दिखने लगी है। यही वजह है कि कई कंपनियां अपनी कॉस्ट कम करने के लिए कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं। वेदांतु और अनएकेडमी जैसे एजुटेक ब्रांड के बाद अब पुरानी कारें बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनी कार्स24 ने भी 600 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है।
मुंबई। रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के चलते दुनियाभर में महंगाई बढ़ती जा रही है। श्रीलंका समेत कई देशों की आर्थिक हालत खस्ता हो चुकी है। दूसरी ओर, भारत की विकास दर भी कमजोर हो रहा है, जिसके चलते इकॉनमिक एक्सपर्ट इसे मंदी की आहट मानकर चल रहे हैं और इसका असर भी दिखने लगा है। हाल ही में कई बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। इनमें एजुटेक कंपनी वेदांतु और Unacademy के बाद अब एक और नाम शामिल हो गया है।
Cars24 ने की 6.7% कर्मचारियों की छंटनी :
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुरानी कारें बेचने वाली ई-कॉमर्स कंपनी Cars24 ने 600 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। हालांकि, कंपनी का कहना है कि ये उनके बिजनेस का हिस्सा है। वो हर साल परफॉर्मेंस को बेस बनाकर कर्मचारियों की छंटनी करती है। इसका मतलब ये कतई नहीं है कि कंपनी अपनी कॉस्ट में कोई कटौती करने जा रही है। बता दें कि Cars24 में करीब 9 हजार वर्कर्स काम करते हैं, जिनमें से फिलहाल 6.7% की छंटनी कर दी गई है।
9% कर्मचारियों को निकाल चुकी वेदांतु :
बता दें कि इससे पहले एजुटेक कंपनी Vedantu ने मई के महीने में ही दो बार अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाला है। कुछ दिनों पहले वेदांतु ने 200 कांट्रेक्चुअल और फुल टाइम कर्मचारियों की छंटनी की थी। इसके बाद कंपनी ने 18 मई को अपने 424 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का फैसला किया। इस तरह वेदांतु अब तक अपनी कुल वर्कफोर्स 6000 कर्मचारियों में से 9% की छंटनी कर चुकी है।
Unacademy समेत इन कंपनियों ने भी की छंटनी :
अप्रैल में Unacademy ने अपने 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था, जो उनके कुल वर्कफोर्स के 10% के बराबर है। वहीं एक और कंपनी Lido Learning ने अपने 1200 कर्मचारयों की छंटनी के बाद कामकाज बंद कर दिया है। इसके अलावा अप्रैल में Meesho ने अपने 150 लोगों की छंटनी की थी। इनके अलावा Furlenco और Trell जैसी कंपनियां भी कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं।
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तो क्या ये है छंटनी की वजह :
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, कई कंपनियां मंदी की आहट देख रही हैं और यही वजह है कि वो अपनी लागत घटाने के लिए छंटनी जैसे कदम उठा रही हैं। इस समय यूरोप में युद्ध के अलावा, मंदी की आशंका और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई वृद्धि के चलते महंगाई बेतहाश बढ़ गई है। भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजार गिरावट दिखा रहे हैं। इसके चलते फ्यूचर में नकदी की दिक्कत हो सकती है, जिसके चलते कंपनियां कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं।
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