सार

एअर इंडिया (Air India) को पिछले 13 सालों में सबसे बड़ा घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2020-2021 में इस सरकारी विमानन कंपनी का घाटा बढ़ कर 10 हजार करोड़ रुपए हो सकता है। ऐसे में, इसका वैल्यूएशन घटने से सरकार को इसे बेचने में दिक्कत हो सकती है। 

बिजनेस डेस्क। एअर इंडिया (Air India) को पिछले 13 सालों में सबसे बड़ा घाटा हुआ है। वित्त वर्ष 2020-2021 में इस सरकारी विमानन कंपनी का घाटा बढ़ कर 10 हजार करोड़ रुपए हो सकता है। ऐसे में, इसका वैल्यूएशन घटने से सरकार को इसे बेचने में दिक्कत हो सकती है। बताया जा रहा है कि एअर इंडिया को इतना बड़ा घाटा कोविड-19 महामारी (Covid-19 Pandemic) की वजह से होने जा रहा है। वैसे, कंपनी पहले से ही घाटे में चल रही है और सरकार इसके विनिवेश की योजना पर काम कर रही है। 

पहले थी दो कंपनियां
जानकारी के मुताबिक, जब से इंडियन एयरलाइन्स (Indian Airlines) को एअर इंडिआ (Air India) में मिलाया गया, तब से लेकर यह इसका सबसे बड़ा घाटा होगा। बता दें कि इंडियन एयरलाइन्स को साल 2007 में एअर इंडिया में मिलाया गया था। 'महाराजा' के नाम से मशहूर एअर इंडिया का घाटा कोविड-19 महामारी के दौरान बढ़ा है। फिलहाल, इसके रेवेन्यू और घाटे में ज्यादा अंतर आने की संभावना जताई जा रही है।

बजट में 4 हजार करोड़ की घोषणा
1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में एअर इंडिया के लिए 4 हजार करोड़ रुपए जुटाने की बात कही गई थी। इस वित्त वर्ष में इसके लिए 6 हजार करोड़ रुपए जुटाने की योजना बनाई गई है, ताकि इसका संचालन जारी रह सके। बता दें कि एअर इंडिया को बेचने की कोशिश करीब 20 साल पहले से ही की जा रही है। उस समय इसकी 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बात चल रही थी, लेकिन अब कंपनी की पूरी हिस्सेदारी ही सरकार बेचना चाहती है। अब तक कई कंपनियां सामने आई हैं, लेकिन सरकार की शर्तों और एअर इंडिया के भारी-भरकम कर्ज की वजह से अभी तक इसका सौदा नहीं हो सका है।

टाटा ग्रुप ने दिखाई है दिलचस्पी
बता दें कि एअर इंडिया को खरीदने में टाटा ग्रुप दिलचस्पी दिखा रहा है। टाटा ग्रुप ने ही इस विमानन कंपनी की शुरुआत की थी। फिलहाल टाटा ग्रुप 2 विमानन कंपनियों का संचालन कर रहा है। टाटा ग्रुप एयर एशिया इंडिया (AirAsia India) और एयर विस्तारा (Air Vistara) में पहले से ही भागीदार है। टाटा ग्रुप एअर इंडिया की पूरी हिस्सेदारी खरीद सकता है।

पहले 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की थी योजना
केंद्र सरकार 2017 में एअर इंडिया की 74 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। बाद में इसे बढ़ा कर 100 फीसदी कर दिया गया। बता दें कि एअर इंडिया पर 38,366 करोड़ रुपए का कर्ज है। वहीं, सरकारी विभागों पर एअर इंडिया का 500 करोड़ रुपए का बकाया है। एअर इंडिया के पास कुल 46 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति है।