सार
पब्लिक सेक्टर की उड्डयन कंपनी एयर इंडिया (Air India) बिकने के लिए तैयार है। सरकार इसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। ऐसे में, कंपनी के कर्मचारियों के एक समूह ने इसकी 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाई। अगर कर्मचारियों को एयर इंडिया की हिस्सेदारी खरीदने में सफलता मिलती है, तो कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला मामला होगा, अगर सब कुछ ठीक रहता है तो देश के कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला मामला होगा, जब किसी सरकारी कंपनी को उसके ही कर्मचारी खरीद लेंगे।
बिजनेस डेस्क। पब्लिक सेक्टर की उड्डयन कंपनी एयर इंडिया (Air India) बिकने के लिए तैयार है। सरकार इसकी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेच रही है। ऐसे में, कंपनी के कर्मचारियों का एक समूह इसकी 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाएगा। अगर सब कुछ ठीक रहता है तो देश के कॉरपोरेट इतिहास का यह पहला मामला होगा, जब किसी सरकारी कंपनी को उसके ही कर्मचारी खरीद लेंगे। एयर इंडिया पर 69,000 करोड़ रुपए का कर्ज है। एयर इंडिया के लिए होने वाली नीलामी में टाटा ग्रुप (Tata Group) भी बोली लगाएगा। बता दें कि एयर इंडिया की शुरुआत जेआरडी टाटा (JRD Tata) ने की थी। पहले इसका नाम टाटा एयरलाइन्स (Tata Airlines) था।
अमेरिकी इक्विटी फर्म के साथ लगाई बोली
एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों के इस ग्रुप ने अमेरिका की एक प्राइवेट इक्विटी फर्म इंटरअप्स (Interups Inc) के साथ साझेदारी में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली लगाई है। इंटरअप्स के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद (Laxmi Prasad) ने इसकी पुष्टि की। एयर इंडिया के कर्मचारियों के ग्रुप में शामिल हर व्यक्ति बोली के लिए एक-एक लाख रुपए देगा।
केबिन क्रू से जुड़े संगठनों ने दी यह सलाह
जानकारी के मुताबिक, पायलट और केबिन क्रू का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठनों ने अपने सदस्यों को बोली में भाग नहीं लेने की सलाह दी है। बोली प्रक्रिया का नेतृत्व एयर इंडिया की कमर्शियल डायरेक्टर मीनाक्षी मलिक कर रही हैं। उनके मुताबिक, पुराने कर्मचारी पूरी तरह से इस मुहिम में साथ देंगे। इसमें शामिल 200 से ज्यादा कर्मचारी एक-एक लाख रुपए जुटा रहे हैं। बता दें कि एयर इंडिया में कुल 14 हजार कर्मचारी हैं।
बिकेगी 100 फीसदी हिस्सेदारी
सरकार ने इस एयर इंडिया में अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां आमंत्रित की है। साथ ही, एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में भी एयर इंडिया की 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सविर्सेस प्राइवेट लिमिटेड में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेची जाएगी। दस्तावेज में 31 मार्च 2019 को एयर इंडिया पर कुल कर्ज 60,074 करोड़ रुपए बताया गया है। इसमें से इसके खरीददार को 23,286.5 करोड़ रुपए वहन करने होंगे, जबकि बाकी कर्ज को खास मकसद के लिए बनाए गए एयर इंडिया एसेट होल्डिंग्स लिमिटेड को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।