सार

सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) कैसे अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं, वित्तपोषण जुटा सकते हैं या किस तरह वैश्विक बाजारों के अनुरूप उत्पाद तैयार कर सकते हैं
 

नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रम (एमएसएमई) कैसे अपने कारोबार को आगे बढ़ा सकते हैं, वित्तपोषण जुटा सकते हैं या किस तरह वैश्विक बाजारों के अनुरूप उत्पाद तैयार कर सकते हैं, उन्हें जागरूक करने के लिये खुदरा आनलाइन कंपनी अमेजन दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन करेगी जिसे ‘संभव’ नाम दिया गया है।

अमेजन इंडिया के प्रमुख (एमएसएमई सशक्तिकरण एवं विक्रेता अनुभव) प्रणव भसीन ने ‘भाषा’ से बातचीत में यह जानकारी देते हुये कहा कि 15-16 जनवरी को राजधानी में इस दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

भसीन ने कहा कि ‘संभव’ कार्यक्रम का आयोजन पहली बार किया जा रहा है। इसके बाद हर साल इसका आयोजन होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का लक्ष्य रखा है और एमएसएमई क्षेत्र की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका होगी। अमेजन इंडिया ने भी इसमें योगदान देने का लक्ष्य रखा है।

3,500 एमएसएमई भाग ले रहे हैं

भसीन ने कहा कि संभव के रूप में देश के एमएसएमई क्षेत्र को एक ऐसा मंच उपलब्ध होगा उद्यमियों को ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, भुगतान, डिजिटलीकरण, वैश्विक व्यापार और वेब सेवाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी।

इस आयोजन में देशभर के 3,500 एमएसएमई भाग ले रहे हैं। दो दिन के इस सम्मेलन को इन्फोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायणमूर्ति, फ्यूचर समूह के संस्थापक किशोर बियानी, ओगिल्वी इंडिया के पीयूष पांडे और अमेजन इंडिया के कंट्री प्रमुख अनिल अग्रवाल उद्यमियों को कारोबार के गुर सिखाएंगे।

कार्यक्रम 2016 में शुरू हुआ

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये देश के हस्तशिल्प कारीगर देश में बने उत्पादों को ग्राहकों के समक्ष पेश कर सकते हैं। यह कार्यक्रम 2016 में शुरू हुआ था। इससे देश भर में आठ लाख से अधिक हस्तशिल्पियों और बुनकरों को फायदा हुआ है।

उन्होंने बताया कि इसी तरह अमेजन लॉन्चपैड कार्यक्रम के जरिये स्टार्टअप और ब्रांड अमेजन के लाखों ग्राहकों के समक्ष अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकते हैं। अमेजन सहेली कार्यक्रम के जरिये महिला उद्यमियों को सशक्त किया जा रहा है। अमेजन सहेली के तह महिला उद्यमियों की संख्या 1,60,000 पर पहुंच गई है। वहीं वैश्विक विक्रेता कार्यक्रम के जरिये 50,000 से अधिक भारतीय विक्रेता दुनिया के 12 अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपने उत्पाद पहुंचा पा रहे हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)