सार

 देश में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेनें बंद हैं, जिससे रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में रेल मंत्रालय 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती करने की योजना बना रहा है

बिजनेस डेस्क: देश में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन के चलते यात्री ट्रेनें बंद हैं, जिससे रेलवे को भारी नुकसान हो रहा है। ऐसे में रेल मंत्रालय 13 लाख से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में कटौती करने की योजना बना रहा है। 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कहा जा रहा है कि टीए, डीए समेत ओवरटाइम ड्यूटी के भत्तों को खत्म किया जाएगा। इसके मुताबिक ट्रेन ड्राइवर और गार्ड को ट्रेन चलाने पर प्रति किलोमीटर के हिसाब से मिलने वाला भत्ता नहीं दिया जाएगा।

गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा भारतीय रेलवे 

गौरतलब है की लॉकडाउन की वजह से भारतीय रेलवे पहले ही गंभीर आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक ओवरटाइम ड्यूटी के लिए मिलने वाले भत्ते में 50 फीसदी कटौती हो सकती है। मेल-एक्सप्रेस के ड्राइवर और गार्ड को 500 किलोमीटर पर मिलने वाले 530 रुपये भत्ते में 50 फीसदी कमी का सुझाव है।

वेतन में छह महीने तक कमी करने की सिफारिश

साथ ही, रेलकर्मियों के वेतन में छह महीने तक कमी करने की सिफारिश की है। इसमें 10 फीसदी से 35 फीसदी तक की कटौती संभव है। इतना ही नहीं, मरीज देखभाल, किलोमीटर समेत नॉन प्रैक्ट्रिस भत्ते में एक साल तक 50 फीसदी कटौती की जा सकती है। वहीं, अगर कर्मचारी एक महीने ऑफिस नहीं आता है, तो ट्रांसपोर्ट भत्ता 100 फीसदी कटा जा सकता है।

इसके अलावा भी कई तरह के भत्ते दिए जाते हैं। बच्चों की पढ़ाई के लिए भत्ते के लिए 28 हजार रुपये मिलते हैं, जिसकी समीक्षा होनी अभी बाकी है।

(फाइल फोटो)