सार
ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने भारत पर तंज कसा था। लेकिन महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने उसकी बोलती बंद कर दी। हू शिजिन ने एक ट्वीट में तंज़ कसते हुए लिखा कि चीन के लोग भारतीय उत्पादों को बैन भी करना चाहें तो उनके पास कोई ही विकल्प नही हैं।
बिजनेस डेस्क। निजता और सुरक्षा कारणों की वजह से भारत में 59 चीनी मोबाइल ऐप बंद होने की वजह से चीन बौखलाया हुआ है। वहां की मीडिया ने भारत के कदम को विश्व व्यापार संगठन के नियमों के खिलाफ बताया है। खासकर चीन का सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स भड़का हुआ है और लगातार डराने की कोशिश में है कि कैसे चीन से दुश्मनी की वजह से भारत को आर्थिक मोर्चे पर भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। चीन तंज़ भी कस रहा है।
इसी क्रम के ग्लोबल टाइम्स के एडिटर हू शिजिन ने भारत पर तंज कसा था। लेकिन महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने उसकी बोलती बंद कर दी। हू शिजिन ने एक ट्वीट में तंज़ कसते हुए लिखा कि भारत में चीनी उत्पादों को बैन किया जा रहा है, मगर चीन के लोग भारतीय उत्पादों को बैन भी करना चाहें तो उनके पास कोई ही विकल्प नही हैं। भारतीयों के पास राष्ट्रवाद से ज्यादा महत्वपूर्ण भी कुछ होना चाहिए।
चीनी पत्रकार को क्या जवाब मिला?
आनंद महिंद्रा ने शिजिन को जवाब देते हुए कहा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह प्रतिक्रिया भारतीय उद्योग के लिए सबसे प्रभावी और प्रेरक हो सकती है। हमें उकसाने के लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया, जल्द ही जवाब देंगे।" आनंद महिंद्रा भारत के उन चुनिन्दा कारोबारियों में से एक हैं जो सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय रहते हैं। वो लगातार बेबाक ट्वीट करते हैं और अच्छे कामों के लिए लोगों की तारीफ़ें भी करते हैं।
लोग कर रहे तारीफ
चीनी पत्रकार को दिया गया आनंद महिंद्रा के जवाब की लोग तारीफ कर रहे हैं। जब टिक टॉक बैन हुआ था तो महिंद्रा ने कहा था कि मैंने टिकटॉक कभी इस्तेमाल नहीं किया मगर मैंने आज चिंगारी ऐप जरूर डाउनलोड कर लिया है। टिक टॉक बैन के बाद चिंगारी ऐप उसके विकल्प के रूप में तेजी से डाउनलोड किया जा रहा है।
भारतीय स्टार्ट को दिए 7.5 करोड़ रुपये
पिछले दिनों आनंद महिंद्रा ने गुरुग्राम बेस्ड भारतीय स्ट्रार्टअप Hapramp को करीब 7.5 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद दी थी। यह स्टार्टअप ब्लॉकचैन और सोशल मीडिया जैसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है। इसकी शुरुआत आईआईटी के पांच छात्रों ने की 2018 में की थी। 2018 में महिंद्रा ने भारतीय सोशल मीडिया स्टार्टअप के लिए फंडिंग अवसर को लेकर एलान किया था जो कुछ मापदंड को पूरा करता हो। Hapramp को इसी ऐलान के तहत मदद की गई थी।