सार

बैंक की छुट्टियों (Bank Holiday) और इसी सप्ताह में बैंकिंग संघों द्वारा आगामी प्रस्तावित हड़ताल (Bank Strike) के कारण कई बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों ने 16 दिसंबर से दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।

बिजनेस डेस्‍क।  यदि आपने अपना महत्वपूर्ण बैंकिंग कार्य नहीं किया है तो आपको लगातार चार दिनों का इंतजार करना पड़ेगा। आने वाले चार दिनों तक बैंक बंद रहने वाले हैं। हालांकि मोबाइल और इंटरनेट पर बैंकिंग गतिविधियां निर्बाध रूप से जारी रहेंगी, बैंक की छुट्टियों (Bank Holiday) और इसी सप्ताह में बैंकिंग संघों द्वारा आगामी प्रस्तावित हड़ताल (Bank Strike) के कारण कई बैंक शाखाएं बंद रहेंगी। बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में बैंक यूनियनों ने 16 दिसंबर से दो दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
 16 दिसंबर (गुरुवार) और 17 दिसंबर (शुक्रवार) को दो दिवसीय हड़ताल पर बैंक बंद रहेंगे।

लगातार चार दिनों का अवकाश
हालांकि, आपको बता दें कि सभी राज्यों या क्षेत्रों में बैंक 4 दिनों के लिए बंद नहीं होंगे। यह कुल दिनों की संख्या है जब देश के विभिन्न हिस्सों में बैंक राज्य द्वारा मनाई गई छुट्टियों और बैंकिंग हड़ताल की वजह से बंद रहेंगे। 16 और 17 दिसंबर को बैंकों में हड़ताल की वजह से बैंक बंद रहेंगे। उसके बाद  18 नवंबर यानी शनिवार को यू सोसो थाम की पुण्यतिथि की वजह से शिलांग में अवकाश बैंकों का अवकाश रहेगा। उसके बाद 19 दिसंबर को रविवार की वजह से बैंकों में अवकाश रहने वाला है।

अगर सरकार ने नहीं मानी बात तो चलेगा आंदोलन
अखिल भारतीय बैंक अधिकारी परिसंघ (एआईबीओसी) के महासचिव संजय दास ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया कि दो दिवसीय हड़ताल के अलावा, यदि सरकार बैंकों के निजीकरण के विचार को नहीं छोड़ती है, तो आंदोलनकारी कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित की जाएगी। 2021 के बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि चालू वित्त वर्ष के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।

यह भी पढ़ें
Gold And Silver Price Today: सोना और चांदी की कीमत में लगातार तीसरे दिन गिरावट, जानि‍ए फ्रेश प्राइस

Bitcoin से 10 गुना ज्‍यादा महंगा हुआ यह Crypto Token, 24 घंटे में 93 करोड़ रुपए से ज्‍यादा हुई कीमत

Round-UP 2021: देश की टॉप-10 कंपनियों ने कराई जबरदस्‍त कमाई, बाजार ने बरसाया 76 लाख करोड़ रुपए