सार

Ukraine Russia Tensions: गुरुवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत (Brent Crude Oil Price) 100 डॉलर के पार कारोबार कर रही है। वास्‍तव में रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक (Russia world 2nd largest oil Producer) है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चा तेल बेचता है, और यूरोप को प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा सप्‍लायर है, जो इसकी  सप्‍लाई का लगभग 35 फीसदी देता है।

Ukraine Russia Tensions की वजह से 2014 के बाद फ‍िर कच्‍चे तेल के दाम (Crude Oil Price) 100 डॉलर के पार पहुंच गए हैं। गुरुवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत (Brent Crude Oil Price) 100 डॉलर के पार कारोबार कर रही है। वास्‍तव में रूस दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है, जो मुख्य रूप से यूरोपीय रिफाइनरियों को कच्चा तेल बेचता है, और यूरोप को प्राकृतिक गैस का सबसे बड़ा सप्‍लायर है, जो इसकी  सप्‍लाई का लगभग 35 फीसदी देता है। यह संयोग ही है 8 साल पहले रूस और युक्रेन के बीच जब राजनैतिक संकट गहरा गया था तब भी क्रूड ऑयल के दाम 100 डॉलर के पार गए थे। उसके बाद इसी संकट के दोबारा से उभरने से कच्‍चा तेल ट्रिपल डिजिट पर पहुंच गया है।

8 साल में पहली बार क्रूड ऑयन 100 डॉलर के पार
ब्‍लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार रूसी राष्‍ट्रपति पुतिन के बयान के बाद क्रूड ऑयल की कीरमत में जबरदस्‍त तेजी देखने को मिली। जिसके बाद ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम कारोबारी सत्र में 100 डॉलर के पार चले गए। मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 4.50 फीसदी की तेजी के साथ 101.26 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर कारोबार कर रहा है। जबकि अमरीकी ऑयल डब्‍ल्‍यूटीआई के दाम 4.64 फीसदी की तेजी के साथ 96.37 डॉलर प्रत‍ि बैरल पर कारोबार कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में इसकी कीमत में और इजाफा हो सकता है।

भारत में कच्‍चा कहां पर
वहीं भारत में कच्‍चे तेल की कीमत 5 फीसदी की तेजी यानी 347 रुपए प्रत‍ि बैरल के इजाफे के साथ 7226 रुपए प्रत‍ि बैरल पर पहुंच गई है। जबकि आज वायदा बाजार में कच्‍चा 6940 रुपए के साथ ओपन हुआ था। कारोबारी सत्र के दौरान 7291 रुपए के साथ दिन की ऊंचाई पर भी पहुंच गया। जानकारों की मानें तो जल्‍द भारत में कच्‍चे तेल की कीमत 7500 रुपए प्रत‍ि बेरल पर पहुंच जाएंगी।

क्‍या कहते हैं जानकार
आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्‍ता के अनुसार रूस युक्रेन की टेंशन की वजह कच्‍चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रत‍ि बैरल को क्रॉस कर गई हैं। इसमें और इजाफा होने के आसार हैं। ग्‍लोबल इकोनॉमी के लिए यह स्थिति‍ काफी नाजुक है। ग्‍लोबल इकोनॉमी को जितना नुकसान कोविड ने पहुंचाया है, उससे ज्‍यादा नुकसान रूस और युक्रेन का टेंशन पहुंचा सकता है। क्रूड ऑयल के कारण पूरी इदुनिया में महंगाई बढ़गी और ग्‍लोबल इकोनॉमी को नुकसान होगा।