सार

1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। रेस्तरां और फूड डिलिवरी सेक्टर (Restaurant & Food Delivery Sector) ने इस बार बजट में फूड डिलिवरी पर जीएसटी (GST) की दर घटा कर 5 फीसदी किए जाने की मांग की है। फिलहाल, जीएसटी 18 फीसदी ली जा रही है।

बिजनेस डेस्क। 1 फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किया जाना है। रेस्तरां और फूड डिलिवरी सेक्टर (Restaurant & Food Delivery Sector) ने इस बार बजट में फूड डिलिवरी पर जीएसटी (GST) की दर घटा कर 5 फीसदी किए जाने की मांग की है। फिलहाल, जीएसटी 18 फीसदी ली जा रही है। बता दें कि कोरोना महामारी (Covid-19 Pandemic) फैलने पर लॉकडाउन के दौर में और उसके बाद भी रेस्तरां और फूड बिजनेस में होम डिलिवरी की हिस्सेदारी 40 फीसदी से बढ़ कर 60 फीसदी हो गई है। ऐसे में, इस बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि तैयार फूड की डिलिवरी पर 18 फीसदी जीएसटी लिया जाना तार्किक नहीं है। 

तेजी से बढ़ रहा है यह सेक्टर
भारत में ऑनलाइन फूड होम डिलिवरी (Online Food Home Delivery) सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। जानकारी के मुताबिक, यह सेक्टर 2.94 अरब डॉलर का है। इसमें सालाना 22 फीसदी की दर से वृद्धि हो रही है। इस बिजनेस से जुड़े लोगों का कहना है कि 18 फीसदी की दर से जीएसटी वसूले जाने से इस सेक्टर का विकास प्रभावित हो सकता है। कुछ व्यवसायियों का मानना है कि फूड आइटम की डिलिवरी पर 13 फीसदी ज्यादा जीएसटी ली जा रही है। 

रेस्तरां-होटल व्यवसाय पर कोरोना का असर
फूड डिलिवरी से जुड़े व्यवसायियों और रेस्तरां मालिकों का कहना है कि कोरोना संकट के दौरान रेस्तरां और होटलों के कारोबार पर काफी बुरा असर पड़ा। ऐसे में, होम फूड डिलिवरी का ही एक ऑप्शन उनके पास रह गया। इसमें उन्हें 23-24 फीसदी कमीशन देना पड़ता है। ऐसी स्थिति में 18 फीसदी जीएसटी लगाए जाने से उन्हें पर्याप्त मुनाफा नहीं हो पाता है। वहीं, उनका कहना है कि फूड डिलिवरी के अलावा उनके पास दूसरा विकल्प भी नहीं है। अभी भी लोग रेस्तरां में आकर खाना पसंद नहीं कर रहे हैं।   

नहीं बढ़ा सकते कीमत
रेस्तरां और होटलों के संचालकों का कहना है कि वे तैयार फूड की कीमतों में बढ़ोत्तरी नहीं कर सकते। ऐसा करने से उनके व्यवसाय पर बुरा असर पड़ेगा, वहीं फूड डिलिवरी में उन्हें कमीशन देना पड़ता है। इसका असर उनके मुनाफे पर पड़ता है। रेस्तरां संचालकों का कहना है कि जब कुछ महीने में कोरोना की वैक्सीन आम लोगों तक पहुंच जाएगी, तो लोग फिर घर से बाहर निकल कर रेस्तरां में आने लगेंगे। वहीं, उनकी मांग है कि बजट में होम फूड डिलिवरी पर जीएसटी की दर 5 फीसदी की जानी चाहिए।