सार
Budget 2022: आम लोगों को बजट (Union Budget) में उम्मीद है कि सरकार धारा 80 सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट (Tax Exemption on Investment) का दायरा बढ़ा सकती है, जिससे न सिर्फ आम निवेशको फायदा, डॉमेस्टिक इंवेस्टमेंट टारगेट को हासिल करने में मदद मिलेगी।
आने वाले कुछ ही दिनों में वित्त 2022-33 आम बजट के सामने होगा। 2021 का बजट भी कोरोना के साए में आया था। इस बार कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। जिसकी चपेट में पूरा देश है। ऐसे में आम लोगों को उम्मीद है कि इस बार का बजट ऐसा होता जिससे देश में डिमांड बढ़ेंगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कोरोना की वजह से आम लोगों का हेल्थ एक्सपेंडीचर में इजाफा हुआ है। वहीं वर्क फ्रॉम होम कल्चर ने भी जेब के बोझ पर इजाफा किया है। दूसरी तरफ रोजगार में बढ़ती अनिश्चितता के कारण इमरजेंसी फंड क्रिएट करने की जरुरत महसूस होने लगी है। जिसकी वजह से आम लोगों को बजट में उम्मीद है कि सरकार धारा 80 सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट का दायरा बढ़ा सकती है, जिससे न सिर्फ आम निवेशको फायदा, डॉमेस्टिक इंवेस्टमेंट टारगेट को हासिल करने में मदद मिलेगी।
निर्मला सीतारमण पेश करेंगी चौथा बजट
एक फरवरी को आने वाले बजट का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना चौथा बजट पेश करेंगी। आम बजट से आम से लेकर खास की उम्मीदें जुड़ी होती हैं। कोरोना महामारी की मौजूदा कठिन दौर में यह उम्मीदें और भी ज्यादा है, वो भी तब जब बात सर्वाइवल की हो। आम आदमी अपने बुरे समय के लिए थोड़ा निवेश करता रहता है। ताकि ऐसे ही बुरे दिनों के लिए वो रुपया काम आए। ऐसे निवेशकों को बजट से काफी उम्मीदें होती है। ताकि उनकी सेविंग के साथ टैक्स में भी बचत हो सके। इस बार भी निवेशकों को एफएम से काफी उम्मीदें हैं।
रिटायरमेंट प्लानिंग
बीते वर्ष 2021 में सीनियर सिटीजंस की संख्या करीब 1.31 करोड़ थी जो अगले 20 सालों में एक करोड़ के इजाफे के साथ 2.39 करोड़ हो सकती है। 60 वर्ष पूरी होने के बाद लोग रिटायर हो जाते हैं। उसके बाद कमाई या यूं कहें कि इनकम के साधन ना के बराबर होते हैं। इस दौरान रिटायरमेंट प्लान बहुत सहायक होते हैं। वैसे देश में लोगों के पास पर्याप्त सोशल सिक्योरिटी या रिटायरमेंट बेनिफिट्स नहीं है। सरकार ने एनपीएस में टैक्स बेनेफिट के जरिए लोगों को इसके प्रति प्रोत्साहित किया है, लेकिन अभी काफी कुछ किए जाने की जरूरत है। इसके लिए सरकार सेक्शन 80सी की लिमिट बढ़ाने पर विचार कर सकती है। जिससे आम लोगों को सेविंग करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा और वे बेहतर तरीके से रिटायरमेंट प्लानिंग बना पाएंगे।
महंगाई और कोविड से जुड़ी राहत
ग्लोबल लेवल पर महंगाई अपने चरम पर है। साथ क्रूड ऑयल महंगा होने के कारण इजेंशियल सामान की कीमत में इजाफा हो सकता है। जिसकी वजह से ब्याज दरों में इजाफा होने की संभावनाएं बढ़ गई हैं। कोरोना महामारी की वजह से दुनिया भर में हेल्थ सर्विस महंगी हुई हैं। जिसकी वजह से अमरीका, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों ने कोविड से संबंधित मेडिकल खर्चों में टैक्स राहत की शुरुआत की है। भारत में भी ऐसे प्रावधान हो सकते हैं। टैक्सपेयर्स उम्मीद लगा रहे ळैं कि सेक्शन 80डी के तहत राहत को और बढ़ा सकती है। यह राहत हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम पर छूट के अलावा हो सकती है।
वर्क फ्रॉम होम के एक्सपेंडीचर पर राहत की उम्मीद
कोरोना के कारण दुनिया भर में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर बढ़ा है। इस कल्चर के कारण इंप्लॉयज के एक्सपेंडीचर में भी इजाफा देखने को मिला है।अ ऑफिस के काम के लिए उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी, घर पर ऑफिस सेटअप करने, इलेक्ट्रिसिटी इत्यादि एक्स्ट्रा खर्च वहन करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में इन खर्चों के लिए अलग से टैक्स राहत का प्रावधान कर सकती है।