सार

Budget 2022: लोकल प्रोडक्‍ट्स एंव मैन्‍युफैक्‍चरिेंग को बढ़ावा देने के लिए कस्‍टम ड्यूटी (Custom Duty) में कई तरह के बदलाव करने की तैयारी कर रही है। कस्‍टम ड्यूटी पर इस तरह के की घोषणा सरकार आगामी बजट (Budget 2022) में कर सकती है।

Budget 2022: वित्त वर्ष 2023 के लिए केंद्रीय बजट (Union Budget 2022) में कस्‍टम ड्यूटी (Custom Duty) में बदलाव करने की तैयारी कर रही है। यह बदलाव लोकल मैन्‍युफैक्‍चरिंग (Local Manufacturing) को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। इस बारे में जानकारी देते हुए एक शख्‍स ने बताया कि सरकार आगामी बजट में कस्टम ड्यूटी को व्यावहारिक बनाने की घोषणा की जा सकती है। इस फैसले से लोकल सामान की कीमत में गिरावट देखने को मिलेगी। सरकार ने इस मामले में इससे संबंध‍ित लोगों के साथ विचार विमर्श किया है। इंडस्‍ट्री की ओर से इस मामले में कई तरह के ज्ञापन भी मिले हैं।

लोकल प्रोडक्‍ट्स को बढ़ावा देने का प्‍लान
मिंट की रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023 के बजट में लोकल वैल्यू एडीशन और कॉस्ट कंप्टीटिवनेस को बढ़ाने पर जोर दिया जा सकता है। आामी बजट में बेसिक रॉमटीरियल पर कस्‍टम ड्यूटी घटाई जा सकती है। जिसमें मेटल्स भी शामिल हो सकते हैं, हाल ही में मेटल्‍स की कीमत में जबरदस्‍त तेजी देखने को मिली है। वहीं दूसरी ओर कई सामानों पर कस्‍टम ड्यूटी पर दी गई छूट को खत्‍म किया जा सकता है।

यह भी पढ़ें:- ITR Filing: 31 दिसंबर की लास्‍ट डेट के अंदर ही क्‍यों फाइल करें अपना रिटर्न, यहां जानिए कारण

इन सामानों पर खत्‍म हो सकती है कस्‍टम ड्यूटी
बीते कुछ सालों में कई सेक्‍टर्स में लोकल लेवल पर काफी सुधार देखने को मिला है। जिसकी वजह से उससे संबंध‍ित प्रोडक्‍ट्स पर कस्टम ड्यूटी में बदलाव किया जा सकता है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर्स में इस्तेमाल होने वाले कई इंटरमीडिएट्स पर कस्टम ड्यूटी खत्म करने की बात की जा रही है। एक्‍सपर्ट के अनुसार बजट में पूरी वैल्यू चेन में ड्यूटीज को ब्यावहारिक बनाने की जरूरत है। इसमें कच्चे माल से लेकर इंटरमीडिएट्स और फिनिश्ड प्रोडक्ट्स तक शामिल हैं।

यह भी पढ़ें:- नौकरीपेशा लोगों के लिए बड़ी खबर, EPFO ने E-Nomination फैसिलिटी की लास्‍ट आगे बढ़ाई

सरकार से की है राहत की मांग
वहीं दूसरी ओर इंडस्‍ट्री के कई लोगों ने कोरोना से प्रभावित सेक्‍टर्स में यूज होने वाली सप्‍लाई और इक्‍विपमेंट में राहत की मांग की है। इंडस्‍ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि उनका कहना है कि होटल इंडस्ट्री में काम आने वाले एयर कंडीशनिंग पार्ट, बेड्स, मैट्रेसेज और फर्नीचर पर मौजूदा समय में 20-25 फीसदी कस्टम ड्यूटी है जिसे 10 फीसदी करने की जरूरत है। वहीं बजट में इंपोर्ट प्रोसेस विशेष रूप से रूल्स ऑफ ऑरिजिन को आसान बनाने की योजना पर काम हो रहा है।