सार

क्या आपको पता है कि आप चाहें तो रेस्टोरेंट में सर्विस चार्ज देने के लिए साफ मना कर सकते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत जारी एक गाइडलाइन में आया है कि कोई रेस्टोरेंट ग्राहक को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य नहीं करेगा। अगर ऐसा करते हुए पाया गया तो रेस्टोरेंट मालिक के खिलाफ कार्रवाई होगी। 

नई दिल्लीः अगर आप भी रेस्टोरेंट में पार्टी, फंक्शन या लंच-डिनर पर जा रहे हैं, तो यह जान लें कि आपसे रेस्टोरेंट (Restaurant Service Charge) वाले ज्यादा पैसे एंठ रहे हैं। जी हां, सर्विस चार्ज के नाम पर यह रुपए आपके पॉकेट से जा रहा है। केंद्र सरकार ने ग्राहकों से जबरन सर्विस चार्ज लेने के खिलाफ रेस्टोरेंट्स को चेतावनी दी है। इस संबंध में केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग ने चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी से भी रेस्टोरेंट चलाने वाले नहीं सुधरे तो उनके ऊपर बहुत बड़ी कार्रवाई होगी। चेतावनी में कहा गया है कि सर्विस चार्ज वसूलनेवालों के खिलाफ केंद्र सरकार अब बहुत सख्ती से पेश आएगी। 

उपभोक्ता विभाग करेगी अहम बैठक
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने 02 जून को नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ बैठक बुलाई है. इसमें सर्विस चार्ज वसूलने को लेकर बातचीत होंगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव ने पत्र में कहा है कि उपभोक्ता को सर्विस चार्ज का भुगतान करने हेतु मजबूर किया जाता है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क रेस्टोरेंट मनमाने ढंग से उच्च दरों पर तय करते हैं। ग्राहक जब बिल राशि से इस तरह के शुल्क को हटाने का अनुरोध करते हैं तो उन्हें गुमराह कर इस तरह के चार्ज को वैध ठहराने का कोशिश किया जाता है।

रेस्टोरेंट मालिक पर हो सकती है कार्रवाई
वर्ष 2017 में एक गाइडलाइन बनी थी। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत इस गाइडलाइन में कहा गया था कि कोई भी ग्राहक अगर सर्विस चार्ज नहीं देना चाहे, तो रेस्टोरेंट उससे सर्विस चार्ज नहीं ले सकता है। अगर कोई रेस्टोरेंट किसी ग्राहक को सर्विस चार्ज नहीं देने की बात पर रोकता है या किसी तरह की बदतमीजी करता है तो यह रिस्ट्रीक्टिव ट्रेड प्रैक्टिस माना जाएगा। रेस्टोरेंट मालिक ग्राहक की मर्जी के बिना सर्विस चार्ज नहीं ले सकते। ऐसा करते हैं तो यह गैरकानूनी माना जाएगा। जानकारी दें कि कई बार ग्राहक बेहतर स्टेटस मेंटेन करने के लिए वेटर को टिप दे देते हैं। यह सोचकर भी टिप देते हैं कि यह टैक्स का हिस्सा है। लेकिन ऐसा नहीं होता है।